तस्लीमा नसरीन ने छोड़ी कोलकाता लौटने की आस, एम्स में करेंगी अंगदान

तसलीमा नसरीन ने कहा है कि इस तरह का प्रतिबंध एक लेखक की असल मौत है।

उन्होंने कहा, ‘यह अजीब है कि मैं पिछले तीन दशक से महिलाओं के बारे में लिख रही हूं लेकिन तीन महिलाओं शेख हसीना, खालिदा जिया और ममता बनर्जी ने मेरा जीवन दूभर कर दिया है। बांग्लादेश लौटने की कोई उम्मीद तो बची नहीं। मैं कोलकाता जाना चाहती थी क्योंकि मेरी संस्कृति बंगाली संस्कृति ही है।

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