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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले इस याचिका में मतदान की मौजूदा व्यवस्था को चुनौती दी गई है। अभी संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में रेंडम आधार पर सिलेक्ट की गईं सिर्फ 5 ईवीएम को वेरिफाई किया जाता है।

Lok Sabha Election 2024: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में सभी वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पेपर पर्चियों की गिनती की मांग वाली एक याचिका को लेकर नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने को कहा है। इस याचिका में मतदान की मौजूदा व्यवस्था को चुनौती दी गई है, जिसमें वोटिंग से पहले किसी संसदीय क्षेत्र के हर असेंबली सेगमेंट में रेंडम आधार पर सिर्फ 5 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) को वेरिफाई किया जाता है। पढ़िए, वो सब कुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है... 

ADR की पिटीशन के साथ पारित हुई याचिका
वीवीपैट की गिनती की वकालत करने वाली याचिका वकील और एक्टिविस्ट अरुण कुमार अग्रवाल ने दायर की है। जिसे बुधवार को शीर्ष अदालत के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने देश में चुनाव प्रक्रिया में सुधार को लेकर कार्य करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक पेंडिंग पिटिशन के साथ पारित कर दिया। वकील नेहा राठी याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने पेश हुई थीं। 

क्या होती है VVPAT?
वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) चुनाव के दौरान इस्तेमाल होने वाली एक मशीन है। इसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के साथ जोड़ा जाता है। ईवीएम मशीनों में धांधली के आरोप लगने के बाद वोट वेरिफिकेशन के लिए इस प्रोसेस को अमल में लाया गया था ताकि मतदाता संतुष्ट हो सके कि उसका वोट सही जगह पड़ा है। वोटिंग के दौरान जब कोई मतदाता ईवीएम का बटन दबाता है तो उसे वीवीपीएटी में एक पेपर पर्ची दिखाई देती है। जिसमें उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है, जिसके लिए वोट डाला गया है। चुनाव अधिकारी मतदान के दौरान VVPAT पेपर स्लिप को वेरिफाई करके सुनिश्चित करते हैं कि वोट सही ढंग से दर्ज हो रहा है या नहीं। 
- चुनाव के दौरान किसी प्रकार के विवाद या गड़बड़ी की आशंका को दूर करने के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट की गिनती भी की सकती है। लेकिन चुनाव आयोग के निर्देश पर यह कुछ चुनिंदा केंद्रों पर ही किया जाता है। 

याचिका में क्या है?
इस याचिका में चुनाव आयोग के उस नियम को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया कि VVPAT वेरिफिकेशन एक-एक कर किया जाना चाहिए, जिससे देरी होती है। याचिकाकर्ता ने एक ही बार में वेरिफिकेशन करने और काम में तेजी लाने के लिए अधिक कर्मचारी लगाने का सुझाव दिया है, जिसमें प्रति क्षेत्र करीब 5-6 घंटे का वक्त लग सकता है। पिटिशनर ने चिंता जताई है कि सरकार द्वारा वीवीपैट पर काफी फंड खर्च करने के बाद भी उनमें से बहुत कम की जांच हो रही है। 

याचिका में शामिल प्रमुख मांगें?
- विशेषज्ञ वोटों की गिनती में गलतियों को लेकर वीवीपैट और ईवीएम पर सवाल उठा चुके हैं। इसलिए सभी वीवीपैट पर्चियों की जांच जरूरी है। याचिका में मांग की गई है कि वोटर अपनी वीवीपैट पर्चियों को एक बॉक्स में रख सकें ताकि यह सुनिश्चित हो पाए कि उनका वोट सही ढंग से गिने गए हैं।
- वीवीपैट पर्चियों के साथ ईवीएम की गिनती का क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जाए। मतदाताओं को संतुष्ट करने के लिए वीवीपैट पर्चियों को मतपेटी में डालने की इजाजत मिलनी चाहिए। साथ ही वीवीपैट के ग्लास को अधिक पारदर्शी बनाने और वोट रिकॉर्ड स्पष्ट देखने के लिए पर्याप्त रोशनी हो।

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