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PM Modi on Electoral Bonds: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जो लोग इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम का विरोध कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही इस बात का पछतावा होगा। पार्टियों को मिल रही फंडिंग का पूरा डिटेल इसी स्कीम की वजह से पता चल सका है।

PM Modi on Electoral Bonds: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तमिल चैनल से इंटरव्यू के दौरान कहा कि जो लोग इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम का विरोध कर रहे हैं, उन्हें जल्द ही इस बात का पछतावा होगा। पार्टियों को मिल रही फंडिंग का पूरा डिटेल इसी स्कीम की वजह से पता चल सका है।पीएम मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स के साथ ही तमिलनाडु में बीजेपी और  AIADMK के बीच गठबंधन टूटने पर भी अपनी बात रखी। 

'आज हम पार्टियों की फंडिंग पता कर सकते हैं'
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले राजनीतिक पार्टियों को चुनाव के दौरान मिल रही फंडिंग का सोर्स ही नहीं पता चलता था। इसके बाद हमने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना शुरू की। आज इसी योजना के कारण हम पता कर पा रहे हैं कि किस पार्टी को कहां से कितना फंड मिला है। आज हम फंडिंग का सोर्स पता कर सकते हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 25 फरवरी को बैन कर दिया था। इस स्कीम को साल 2018 में लॉन्च किया गया था। 

'AIADMK से गठबंधन टूटने का पछतावा नहीं'
तमिलनाडु में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (AIADMK) के साथ गठबंधन टूटने पर भी अपनी बात रखी। पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या इस गठबंधन के टूटने का पछतावा है। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारी दोस्ती मजबूत थी। अगर गठबंधन के टूटने का पछतावा होना चाहिए तो एआईडीएमके को होना चाहिए ना कि बीजेपी को। जो लोग अम्मा यानी कि AIADMK की पूर्व प्रमुख  दिवंगत जे जययललिता के सपनों को नष्ट करके पाप कर रहे हैं, उन्हें पछतावा होना चाहिए, हमें नहीं। 

'तमिल भाषा का राजनीतिकरण का किया गया'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस इंटरव्यू के दौरान बताया कि मेरा करीब 50 साल से तमिलनाडु आना जाना लगा है। पीएम मोदी ने बताया कि तमिलनाडु से मेरी बड़ी यादें जुड़ी हुई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि तमिल एक समृद्ध भाषा है, लेकिन इसका राजनीतिकरण कर दिया गया। इससे तमिल भाषा और देश का बड़ा नुकसान हुआ। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि उन्हें संसद में तमिल सेंगोम स्थापित करने का विचार कहां से आया। 

ईडी के एक्शन में हमारा दखल नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी सरकारी एजेंसियों के काम करने के तरीके में हमारा दखल नहीं होता। ऐसा तो नहीं है कि इन एजेंसियों को हमारी सरकार लेकर आई है। मेरे प्रधानमंत्री बनने से पहले ये एजेंसियां देश में थी। यह स्वतंत्र एजेंसियां हैं, इन्हें एक्शन लेने के लिए कु़छ नियमों का पालन करता है। पहले विभिन्न विभागों की ओर से मामले दर्ज होते हैं। उसके बाद ईडी जांच शुरू करती है। 

सात हजार मामलों की जांच कर रही ईडी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में ईडी 7000 से ज्यादा मामलों की जांच कर रही है। इनमें से महज 3 प्रतिशत मामले ही ऐसे हैं, जिनमें नेताओं की संलिप्तता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले भी यह एजेंसी थी,लेकिन यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल में इसने महज 35 लाख रुपए जब्त किए, जबकि एनडीए सरकार के दस साल के कार्यकाल में 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा जब्त किए गए हैं। 

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