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Parliament Winter Session 2023 Criminal Code Bills Passed In Lok sabha: अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा।

Parliament Winter Session 2023 Criminal Code Bills Passed In Lok sabha: ब्रिटिशकालीन कानूनों को बदलने के लिए तीन विधेयक बुधवार को लोकसभा से पास हो गए। ये तीन विधेयक भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक हैं। अब ये विधेयक राज्यसभा के पटल पर रखे जाएंगे। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनके साइन करते ही कानून बन जाएंगे। गृह मंत्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार अंग्रेजों के कानूनों में बदलाव कर रही है। 

तीनों विधेयक पिछले हफ्ते लोकसभा के पटल पर रखे गए थे। बुधवार को चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा। नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। 

IPC-CrPC का बदला नाम

पहले अब
आपराधिक प्रक्रिया संहिता अधिनियम, 1898 भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023
भारतीय दंड संहिता, 1860 भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023
भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872   भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023

गृह मंत्री संबोधन की बड़ी बातें

  • सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किया गया है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 उप धाराएं जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
  • राजद्रोह को अब देशद्रोह में बदला जा रहा है। महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, तिलक महाराज जैसे स्वतंत्रता नायक सालों साल तक जेल में रहे। वो कानून अब तक चलता रहा। राजद्रोह की धारा 124 (क) को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
  • नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी गई है। उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। 
  • मॉब लिंचिंग एक घृणित अपराध है। नए कानून में फांसी की सजा प्रावधान है। पहले रेप की धारा 375, 376 थी। अब धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। 
  • हत्या 302 थी, अब 301 हुई। गैंगरेप के आरोपी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल का प्रावधान है। 

अगस्त में भी पेश हुए थे विधेयक
भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 को सरकार ने अगस्त में लोकसभा में पेश किया था। हालांकि बाद में तीनों को वापस ले लिया गया था। उन्हें बीजेपी सांसद बृजलाल की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय संसदीय स्थायी समिति के पास समीक्षा के लिए भेजा गया था। 

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