Hydrogen Train: हरियाणा के जींद-सोनीपत ट्रैक पर दौड़ेगी पहली हाइड्रोजन ट्रेन; जानें खासियत

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Hydrogen Train: भारत की पहली हाइड्रोजन-ईंधन चालित ट्रेन हरियाणा में जींद-सोनीपत ट्रैक पर दौड़ेगी। 8 कोच वाली इस ट्रेन में 2,638 यात्री सफर कर सकेंगे।

Hydrogen Train: भारतीय रेलवे अपनी पहली हाइड्रोजन-ईंधन चालित ट्रेन को 31 मार्च 2025 तक दौड़ाने की तैयारी में है। यह ट्रेन हरियाणा में जींद और सोनीपत के बीच चलेगी। ट्रेन में 8 यात्री डिब्बे होंगे। जिनमें 2,638 यात्री यात्रा सफर कर सकेंगे। ट्रेन की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी

ग्रीन मोबिलिटी में अव्वल देशों में भारत
भारतीय रेलवे, टिकाऊ परिवहन की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाने को तैयार है। 31 मार्च तक भारत में पहली हाइड्रोजन-ईधन वाली ट्रेन दौड़ाने की तैयारी है। यह ईको-फ्रेंडली इनोवेशन भारत को जर्मनी, फ्रांस, चीन और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों के साथ ग्रीन मोबिलिटी में अव्वल देशों में शामिल हो जाएगा।

35 हाइड्रोजन ईंधन बेस्ड ट्रेन
रेल मंत्रालय ने क्लीन एनर्जी ट्रांसपोर्टेशन के लिए भारत के व्यापक दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में 35 हाइड्रोजन ईंधन सेल-बेस्ड ट्रेनों का बेडा विकसित करने के लिए पिछले बजट सत्र में 2800 करोड़ रुपए आवंटित किए थे।

हाइड्रोजन ट्रेन की खासियत

  • 1,200 एचपी की बेजोड़ पावर कैथेलिटी है।
  • दुनियाभर में अधिकतर मौजूदा हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रेनों में 500 से 600 हॉर्स पावर के बीच क्षमता वाले इजन लगे हैं।
  • ट्रेन फ्यूल सेल्स का इस्तेमाल करके चलेगी, जो हाइ‌ड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से बिजली जेनरेट करती है।
  • बाईडवट के रूप में यह ट्रेनें सिर्फ जल वाष्प छोड़ती हैं। इससे यह जीरो इमीशन ट्रांसपोर्ट सोल्यूशन बन जाता है।
  • चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में यह ट्रेन बनाई गई है।

हाइड्रोजन ट्रेन पर रेल मंत्री बोले...

  • भारतीय रेलवे ने डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल युष्टि (डेमू) रेक पर हाइड्रोजन ईंधन सेल के रेट्रोफिटमेंट द्वारा पायलट आधार पर पहली हाइड्रोजन ट्रेन के डेवलपमेंट के लिए अत्याधुनिक परियोजना शुरू की है। रेल मंत्री अश्चनी वैष्णव के बताया मौजूदा वक्त में यह दुनिया की सबसे लंबी और सबसे ज्यादा पावर वाली हाइड्रोजन ट्रेन होगी।
  • रेल मंत्री ने बताया कि, हाइड्रोजन ट्रेनों के लिए स्पेसिफिकेशन्स को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा विकसित किया गया था। ताकि, यह सुनिश्चित हो सके कि तकनीक भारत बेस्ड है।
  • चेन्नई स्थित इंटीवाल कोच फैक्ट्री में फिलहाल यह ट्रेन बनाई जा रही है। एक बार निर्माण पूरा होने के बाद ट्रेन जींद सोनीपत रूट पर करीब 89 किमी की दूरी कवर करते हुए नॉर्दर्न रेलवे के दिल्ली डिवीजन द्वारा वालाई जाएगी।
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