किसानों के आंदोलन में व्यापारी भी कूदे: CAIT ने सरकार को लिखा पत्र, कहा-वार्ता में शामिल हों देशभर के संगठन, दिए पांच सुझाव

farmers Protest For MSP: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सहित अन्य मांगों व खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी की मौत से किसान आक्रोशित हैं। पंजब-हरियाणा में गुरुवार को भी कई जगह आंदोलन हुए। साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने देर शाम चंडीगढ़ में बैठक कर गृहमंत्री के खिलाफ FIR की मांग की है। इधर, व्यापारियों के राष्ट्रीय स्तर के संगठन CAIT(कंफेडेरेशन ) ने सरकार को पत्र लिखकर किसानों की समस्या समाधान के लिए पांच अहम सुझाव दिए। कहा, किसानों संग होने वाली वार्ता में व्यापारिक संगठनों को भी शामिल किया जाए।
#WATCH भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राज्यवाल ने कहा, "हरियाणा पुलिस ने पंजाब में घुसकर हम पर फायरिंग की और हमारे ट्रैक्टर भी तोड़ दिए। हरियाणा के सीएम और हरियाणा के गृह मंत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। (किसान की मौत की) न्यायिक जांच… pic.twitter.com/BDSVBecMH6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 22, 2024 किसान संगठनों ने कहा, हरियाणा पुलिस ने पंजाब में घुसकर फायरिंग की है। गृहमंत्री के खिलाफ 302 का केस दर्ज होना चाहिए। इसके लिए 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में देशव्यापी किसान महापंचायत बुलाई है। किसानों के इस आंदोलन से व्यापारी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। सरकार को पत्र लिखकर वार्ता में शामिल किए जाने की मांग उठाई है।
CAIT ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल से ये आग्रह किया है कि किसान आंदोलन से संबंधित वार्तालाभ में व्यापारियों और अन्य हितधारकों को भी सम्मलित किया जाये क्योंकि लिया गया निर्णय सब पर प्रभाव डालता है।बार बार किसान आंदोलन होने से हर वर्ग के कार्यों और वित्तीय व्यवस्था पर… pic.twitter.com/q1uC0Sfi5X
— Praveen Khandelwal (@praveendel) February 22, 2024 कैट ने बताया-किसान आंदोलन से ठप हो जाता है कारोबार
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र लिखकर वार्ता में शामिल किए जोन की मांग की है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि किसान आंदोलन से व्यापारिक गतिविधियों बुरी तरह से प्रभावित होती हैं। ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों का कामकाज तो ठप हो जाता है। इसलिए किसानों के साथ होने वाली वार्ता में व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और उपभोक्ता संगठन के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।
किसान आंदेालन और MSP को लेकर CAIT के 5 सुझाव
- CAIT के महामंत्री खंडेलवाल ने कहा, किसान यदि घाटे की खेती कर रहा है तो उसे लाभ में बदलने की जिम्मेदारी सबकी है। इसके लिए सामूहिक रूप से प्रयास होने चाहिए। केवल केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने से फायदा नहीं होने वाला।
- कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं महामंत्री खंडेलवाल ने पत्र में कहा, वर्तमान आंदोलन में केवल पंजाब के किसानों का है। कई राज्यों में तो पंजाब से भी अधिक खेती होती है। इस दृष्टि से देश के सभी किसान संगठनों को भी बातचीत में शामिल किया जाए। ताकि, बार-बार आंदोलन की प्रवृति पर रोक लगे।
- किसानों की समस्या का स्थायी समाधान हो जएगा तो किसान बार-बार आंदोलन नहीं करेंगे और व्यापार प्रभावित नहीं होगा। जन सामान्य की भी बार बार होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी।
- आंदोलन के दौरान असभ्य भाषा के प्रयोग कर रोक लगनी चाहिए। कुछ लोग PM जैसे सम्मानित व्यक्ति के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणियां करते हैं। हत्या की धमकियां देते हैं। सुप्रीम कोर्ट को इस पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
- कैट ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग की है कि MSP की गारंटी यदि संभव है तो पहले कर्नाटक और पंजाब के किसानों को दी जाए। केंद्र से स्वीकृति की जरूरत नहीं है।
- ममता बनर्जी सहित MSP की गारंटी का समर्थन कर रहे अन्य मुख्यमंत्रियों से भी पहले अपने राज्य के इसे लागू करने की मांग की है।
