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Delhi Liquor Policy: प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को उनके दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद से केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। बीते दिनों उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। उनकी अंतरिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया।

Delhi Liquor Policy: दिल्ली शराब नीति घोटाला केस के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) शुक्रवार, 10 मई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दाखिल कर सकता है। यह पहली बार होगा जब केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में आरोपी बनाया जाएगा। चार्जशीट में ईडी केजरीवाल को शराब नीति मामले में 'किंगपिन' और मुख्य साजिशकर्ता बताएगी। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी ने दावा किया है कि उसने केजरीवाल से जुड़ा एक मनी ट्रेल स्थापित किया है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी
प्रवर्तन निदेशालय केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट ऐसे दिन दाखिल कर रही है, जब उनकी अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है। ईडी की चार्जशीट दायर करने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।  

इससे पहले ईडी ने अपने हलफनामे में दावा किया था कि अरविंद केजरीवाल ही शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया। यह भी कहा था कि केजरीवाल शराब कारोबारियों से रिश्वत लेने में भी शामिल रहे हैं। 

ASG को दलीलें देने का मिलेगा मौका
अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। उनकी याचिका पर बीते मंगलवार (7 मई) को सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि वो अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने पर सोच सकती है। पक्ष और विपक्ष की दलालों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ का नेतृत्व करने वाले जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को शुक्रवार को अपनी दलीलें देने के लिए तैयार रहने को कहा था।

जस्टिस खन्ना ने कहा था कि हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (अंतरिम जमानत पर) सुनाएंगे। गिरफ्तारी को चुनौती देने से संबंधित मुख्य मामले पर भी उसी दिन सुनवाई की जाएगी। केजरीवाल को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली थी। जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने का आदेश सुनाए बिना ही उठ गई थी।

मिली बेल तो भी बतौर मुख्यमंत्री काम नहीं कर पाएंगे
पीठ ने कहा था कि वह नहीं चाहती कि अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें, क्योंकि इससे हितों का टकराव होगा। बता दें कि केजरीवाल को शराब नीति मामले में ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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