Digvijay Singh on Kachchatheevu:लोकसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु के रामेश्वरम से सटे कच्चातीवू द्वीप को श्रीलंका को सौंपने का मामला चर्चा में है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि कच्चातीवू द्वीप से जुड़ा मुद्दा एक फालतू मुद्दा है। मैं पूछना चाहता हूं कि उस आईलैंड पर कौन रहता है। मोदी जी बिना सिर, पैर के बकवास करते हैं। दिग्विजय सिंह ने इस द्वीप या इसके आसपास जाने पर ही भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने के बारे में बताए जाने पर यह टिप्पणी की। इसके बाद फिल्म अभिनेत्री और मंडी से बीजेपी की कैंडिडेट कंगना रनौत ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया। 

कंगना ने कांग्रेस की माइंडसेट पर उठाए सवाल
कंगना रनौत ने दिग्विजय सिंह के बयान पर कहा कि कांग्रेस की इसी माइंडसेट की वजह से उसके शासन काल में देश के सुदूर इलाकों का विकास नहीं हो पाया। अभिनेत्र ने अपने साेशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया- जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटे अक्साई चिन को बंजर भूमि बताने की नेहरु जी की साेच आज भी कांग्रेस में जिंदा है।

देश की अखंडता के साथ समझौता नहीं कर सकते
कंगना ने कहा कि  यह न्यू इंडिया है, जहां देश के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र ताशिगांग में नल जल पहुंच रहा है और ऊंचाई पर स्थित कोमिक जैसे गांवों में भी बेहतर सड़क कनेक्टिविटी है और हर एक घर बिजली से रोशन है। देश की भौगोलिक अखंडता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। देश जरूर इस प्रकार की सोच रखने वालों को करारा जवाब देगा। 

संवेदनहीन बयान के लिए माफी मांगे कांग्रेस: अन्नामलाई
तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष और कोयंबटूर लोकसभा सीट से पार्टी के प्रत्याशी के अन्नामलाई ने भी दिग्विजय सिंह के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। अन्नमलाई ने अपने X अकाउंट पर पोस्ट किया कि कांग्रेस नेताओं को इस बात का कोई पछतावा नहीं है कि उन्होंने देश की अखंडता के साथ कॉम्प्रमाइज किया है और तमिल मछुआरों का जीवन खतरे में डाला है। कांग्रेस को इस प्रकार के संवेदनहीन बयान और देश के मछुआरों के लिए मजबूती का स्तंभ बने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में टिप्पणी करने के लिए माफी मांगनी होगी।

शहजाद पूनावाला ने भी कांग्रेस पर साधा निशाना
बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस का हर एक नेता यह सोचता है कि देश की जमीन उनकी निजी संपत्ति है। कच्चातीवू आईलैंड को श्रीलंका को सौंपने से पहले कानूनी और ऐतिहासिक सुझावों को दरकिनार किया गया। यह आईलैंड देश के मछुआरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था।अब कांग्रेस इस मामले को सही ठहराने की कोशिश कर रही है क्योंकि इसकी मानसिकता टुकड़े-टुकड़े वाली है।