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हम अनजाने में ही कुछ ऐसी आदतें बना लेते हैं, जो हमें तनाव देती हैं, हमारे आगे बढ़ने के रास्ते में बाधक बनती हैं। बीत रहे साल में हम इन बुरी आदतों को विदाई दें, ऐसी आदतें अपनाएं जो हमें हर तनाव से मुक्त रखें। 

New year 2024:  हम बढ़ती उम्र के साथ अनुभवी, समझदार और परिपक्व होते जाते हैं। जाने-अनजाने हम कई गलतियां भी करते हैं या ऐसी आदतें बना लेते हैं, जिनके परिणाम नुकसानदेह होते हैं, जो हमें बाद में समझ में आते हैं। जाहिर है, इन गलतियों को ना दोहराने और बुरी आदतों को छोड़ देने में ही हमारी भलाई है। आइए, विदा ले रहे साल में हम अपनी बुरी और गलत आदतों की भी विदा कर दें। अपनाएं ये आदतें...

दूसरों से अपनी तुलना
कुछ लोगों में दूसरों से अपनी तुलना करने और फिर खुद को कम आंकते हुए दुखी रहने की आदत हो जाती है। इस आदत से नुकसान ही होता है, क्योंकि इससे आप आत्महीनता का शिकार हो जाते हैं, हताशा-निराशा की ओर बढ़ते हैं। नतीजा यह होता है, आपके काम करने की इच्छा, ऊर्जा-शक्ति कम होने लगती है। इसलिए नए साल में आप अपने व्यक्तित्व में नया निखार लाएं, अपनी मेहनत पर भरोसा करें। इससे आपके आगे बढ़ने के रास्ते प्रशस्त होंगे।

दूसरों से राय लेना
जब आप किसी भी काम को करने से पहले सशंकित रहते हैं। छोटे-छोटे कामों के लिए भी दूसरों की राय पर निर्भर रहते हैं तो समझ लीजिए कि आप अपनी प्रगति की राह में खुद ही रोड़े अटका रहे हैं। आपको अपना निर्णय लेने की शक्ति और अपने विचारों पर भरोसा होना चाहिए। जब तक कोई बहुत उलझा हुआ या बड़ा मामला ना हो, आप बेवजह लोगों की राय लेने से बचें। जब आप स्वयं अपने निर्णय लेंगे तो आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

सबके काम का बोझ लेना
कुछ लोगों को दूसरों के सामने अच्छा बनने या सबका दिल जीत लेने की आदत होती है, यह आदत आपके दिलो-दिमाग पर भारी पड़ सकती है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी और कॉम्पिटीशन भरे माहौल में, खुद के रूटीन वर्क और अपनी प्रोफेशनल, पर्सनल जिम्मेदारियों को पूरी करने में आप जरूर परेशान हो जाते होंगे, ऐसे में वाहवाही पाने के लिए दूसरे के कामों को अपने सिर पर लेना कोई समझदारी की बात नहीं है। इससे आप पर मेंटल, फिजिकल प्रेशर बढ़ता है, आपकी वर्क एफिशिएंसी कम होती है। जब तक कोई बहुत अजीज ना हो, किसी बड़ी परेशानी में ना हो, तब तक उसका काम ना लें। अनावश्यक रूप से अपने कामों का बोझ ना बढ़ाएं।

टॉक्सिक संबंधों को वक्त देना
कुछ रिश्तेदार, परिचित या पड़ोसी आपको हमेशा मानसिक कष्ट देते हैं। आप शिष्टता के नाते या लोकलाज से कई बार इन रिश्तों को ढोते रहते हैं, लेकिन नए साल में ऐसा हरगिज ना करें। ऐसे रिश्ते आपकी ऊर्जा, समय, कार्यक्षमता और सुकून को नष्ट करते हैं, साथ ही मन में नकारात्मकता का भाव भरते हैं। ऐसे रिश्तों से दूरी बना लें और चैन से रहें। आप ऐसे लोगों से जुड़ें, जिनका साथ आपको मानसिक शांति, प्रेरणा और उत्साह दे और आपके मन में सकारात्मक भावों का संचार करे। 

अपनी जरूरत को नजरअंदाज करना
घरेलू महिलाएं अक्सर अपने सास-ससुर, पति और बच्चों के कामों में, वर्किंग वुमेन भी घर और वर्कप्लेस की दोहरी जिम्मेदारी के चलते अपनी सेहत, साज-श्रंगार और शौक को भुला देती हैं। माना कि अपनों को खुश रखना, उनकी परवाह करना अच्छी बात है, यह आपका कर्तव्य भी है, लेकिन यह ना भूलें कि जब आपका तन-मन प्रसन्न और दुरुस्त नहीं रहेगा तो आप अपने परिजनों की सही ढंग से कैसे देख-भाल कर पाएंगी? अगर आप बीमार पड़ गईं तो उन्हें आपकी तीमारदारी में लगना पड़ेगा। साथ ही ईलाज में आपका काफी पैसा भी खर्च हो जाएगा। इसलिए नए साल में अपना यह रेजोल्यूशन जरूर रखिए कि दूसरों की देख-भाल के साथ अपना भी ध्यान रखेंगे। 

ये आदतें भी त्याग दें
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगे रहना और अपनी वास्तविक जरूरत को समुचित समय ना देना।
परफेक्शन के चक्कर में वक्त की बर्बादी और अपने जरूरी कामों को अधूरा छोड़ना या टालना।
दिन-रात सिर्फ सोचते रहना, नित नई प्लानिंग बनाना लेकिन वास्तविकता के धरातल पर कुछ ना करना।

शिखर चंद जैन

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