World Hindi Day 2025: 10 जनवरी का क्यों है खास महत्व? राष्ट्रीय और विश्व हिंदी दिवस में क्या है अंतर, जानें सबकुछ 

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World Hindi Day 2025: 10 जनवरी का क्यों है खास महत्व? राष्ट्रीय और विश्व हिंदी दिवस में क्या है अंतर।
World Hindi Day 2025: विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, ताकि हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके और उसकी सांस्कृतिक धरोहर का जश्न मनाया जा सके।

World Hindi Day 2025: विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, ताकि हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जश्न मनाया जा सके। हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जिसे मंदारिन चीनी और अंग्रेजी के बाद दुनिया भर में 600 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत 10 जनवरी 2006 को हुई थी, जिसे पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मनाया था।

इस दिन हुई थी विश्व हिंदी दिवस की शुरुआत
बता दें, भारत की पूर्व महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1975 में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया था, जो महाराष्ट्र के नागपुर किया गया था। इस सम्मेलन में 20 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इस सम्मेलन के जरिए हिंदी को वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक के रूप में मान्यता देने और इसके उपयोग को बढ़ावा देने को लेकर विचार-विमर्श किया गया।

इसके बाद भारत ने 10 जनवरी 2006 को पहले विश्व हिंदी दिवस को मनाया। अभी तक पोर्ट लुईस, स्पेन, लंदन, न्यूयॉर्क, जोहानसबर्ग आदि सहित भारत में विश्व हिंदी सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है। तभी से हर साल 10 जनवरी को हिंदी के वैश्विक महत्व और साहित्य, संस्कृति, और संचार में इसके योगदान को बढ़ावा देने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

विश्व हिंदी दिवस 2025 का महत्व और थीम
विश्व हिंदी दिवस का महत्व हिंदी के वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार में निहित है। यह दिन हिंदी के विद्वानों और लेखकों की उपलब्धियों का जश्न मनाने और दुनिया भर में इसके उपयोग को बढ़ावा देने का एक मंच है। विश्व हिंदी दिवस 2025 का विषय "एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज" है, जो हिंदी के भाषाई विविधता को बढ़ावा देने और दुनिया भर में सांस्कृतिक गर्व को बढ़ावा देने की दिशा में काम करता है।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस के बीच अंतर
हालाँकि दोनों, राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस, हिंदी भाषा का उत्सव मनाते हैं, लेकिन इनके उद्देश्य और उत्पत्ति में अंतर है:

राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर): यह दिन 1949 में भारतीय संविधान सभा द्वारा हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किए जाने की याद में मनाया जाता है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस भारत में हिंदी के आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाए जाने का जश्न है।

विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी): इसके विपरीत, विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है। यह दिन हिंदी के अंतरराष्ट्रीय महत्व और इसके उपयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, और इसे भारत के बाहर भी व्यापक रूप से उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है। यह हिंदी को संवाद, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, और एकता का एक वैश्विक भाषा के रूप में बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करता है।

इस प्रकार, जबकि राष्ट्रीय हिंदी दिवस हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किए जाने की याद दिलाता है, विश्व हिंदी दिवस हिंदी के वैश्विक महत्व और सांस्कृतिक प्रभाव को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

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