Parakram Diwas: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती, जानें अंग्रेजों से लोहा लेने वाले ‘सूरमा’ की कहानी

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Parakram Diwas: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती, जानें अंग्रेजों से लोहा लेने वाले ‘सूरमा’ की कहानी।
Parakram Diwas 2025: आज देश के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र की 128वीं जयंती है। इस दिन पराक्राम दिवस मनाया जाता है। यहां हम इसका महत्व और इतिहास बता रहे हैं।

Parakram Diwas 2025: भारत में हर साल 23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाया जाता हैं, जो देश के एक वीर स्वतंत्रता सेनानी के पराक्रम को समर्पित दिन है। यह दिन भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जिसे पहली बार 23 जनवरी 2021 को भारत सरकार द्वारा घोषित किया गया था।

इस दिन को नेताजी सुभाषचंद्र की अदम्य भावना, निःस्वार्थ सेवा और देशभक्ति के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। लेकिन कुछ लोगों को आज भी यह जानकारी नहीं है कि इसे 23 जनवरी के दिन मनाने के पीछे का क्या कारण है। ऐसे में हम यहां पराक्रम दिवस क्यों मनाया जाता है, इस बार पराक्रम दिवस की क्या थीम है और इसके इतिहास के बारें में आपको विस्तार से बता रहे हैं। आइए जानें....

सुभाष चंद्र बोस जयंती 2025: उत्सव और आयोजन
पराक्रम दिवस 2025, 23 से 25 जनवरी तक कटक, ओडिशा में आयोजित किया जा रहा है। इस भव्य उत्सव में नेताजी की धरोहर और उनके योगदान को सम्मानित किया जाएगा, जिसे ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण महजी उद्घाटन करेंगे।

यह दिन देशभर में विशेष आयोजनों, परेडों और समारोहों के माध्यम से मनाया जाता है, जिसमें नेताजी की साहसिकता और संघर्ष को युवा पीढ़ी तक पहुंचाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, झारखंड, असम और ओडिशा में सरकारी छुट्टी के रूप में मनाया जाता है।

23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाने का कारण
आज के दिन यानी 23 जनवरी को हमारे देश के प्रमुख स्वंतत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती होती है और इस दिन को पराक्रम दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। इनका जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, उड़ीसा में हुआ था। नेताजी के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती था। सुभाष जी के पिता जानकीनाथ बोल पेशे से एक वकील थे।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन 23 जनवरी को मनाने की परंपरा अब तक जारी है। इस दिन का चुनाव उनके अद्वितीय साहस और स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान को याद करने के लिए किया गया है। उनका जीवन हमें देशभक्ति और संघर्ष के प्रति प्रेरणा देता है, जो आज भी युवाओं के लिए आदर्श है।

सुभाष चंद्र बोस जयंती 2025: इतिहास
नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे एक राष्ट्रीय नेता थे, जिन्होंने देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही, नेताजी ने 1921 में महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया। इसके अलावा, इंग्लैंड से लौटने के बाद, नेताजी 1938 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने और भारत की स्वतंत्रता की बहाली के लिए कई प्रयास किए।

इस दिन सुभाष चंद्र बोस को नमन किया जाता है और उनके योगदान को याद किया जाता है। नेताजी के योगदान को सम्मानित करने के लिए, 2021 में सरकार ने यह घोषणा की कि 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। इस साल, नेताजी की 128वीं जयंती को गुरुवार, 23 जनवरी 2025 को मनाया जा रहा है। यह महत्वपूर्ण अवसर उनके अद्वितीय प्रयासों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके नेतृत्व को समर्पित है, जो भारतीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने जो साहस और प्रेरणा दिखाई, उसे याद करता है।

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