Potato Plantation: घर में आलू का लग जाएगा ढेर, क्यारी में इस तरीके से करें प्लांटेशन, खूब होगी पैदावार

Potato plantation tips
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क्यारी में आलू उगाने का तरीका।
Potato Plantation: आलू एक ऐसी सब्जी है जो लगभग हर घर में खायी जाती है। आलू को आप घर में आसानी से उगा सकते हैं।

Potato Plantation: घर की क्यारी में आलू उगाना एक बेहद आसान और मजेदार तरीका है, जिससे आप ताजे और स्वादिष्ट आलू अपनी रसोई में सीधे ला सकते हैं। आलू एक ऐसा पौधा है जो कम जगह में भी अच्छे से उग सकता है, और इसे घर की क्यारी, गमले या छोटे बाग-बगीचों में आसानी से उगाया जा सकता है। यह न केवल आपको ताजे आलू प्रदान करता है, बल्कि आपके बगीचे को एक प्राकृतिक और हरा-भरा रूप भी देता है।

आलू की खेती में ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती और यह पौधा लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में उग सकता है, बशर्ते उसमें अच्छी जल निकासी हो। यदि आप आलू उगाना चाहते हैं, तो सही बीज, मिट्टी और देखभाल की जरूरत होती है।

घर में आलू कैसे उगाएं?

सामग्री
अच्छे गुणवत्ता वाले आलू के बीज (जिनमें कीट या रोग न हो)
खाद या कम्पोस्ट
मिट्टी (जो जल निकासी के लिए अच्छी हो)
पानी
गमला या क्यारी

आलू प्लांटेशन की विधि

आलू के बीज तैयार करें: आलू के बीज खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि वे स्वस्थ और अच्छे गुणवत्ता वाले हों। बीज आलू के छोटे टुकड़े होते हैं, जिनमें कम से कम एक या दो अंकुर (आंखें) होनी चाहिए। बीज आलू को काटकर 1-2 दिन के लिए सूखा लें ताकि कटे हुए हिस्से पर घाव ठीक हो जाए और वह सड़ने न पाए।

क्यारी की तैयारी: आलू को अच्छी तरह से उगाने के लिए, क्यारी में अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी होना जरूरी है। मिट्टी को अच्छे से पलट कर उसमें खाद या कम्पोस्ट मिला लें। आलू को हल्की बलुई मिट्टी में अच्छे से उगाया जा सकता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर हो।

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आलू बोना: आलू के बीज टुकड़ों को क्यारी में या गमले में 4-6 इंच गहरे गड्ढे में रखें। हर टुकड़े के बीच कम से कम 12 इंच की दूरी रखें। आलू की बीज को मिट्टी में हल्का सा दबाकर डालें, ताकि वह ठीक से जड़ें पकड़ सकें।

पानी देना और देखभाल: आलू की क्यारी में नियमित रूप से पानी देते रहें, लेकिन ध्यान रखें कि पानी जमा न हो, क्योंकि इससे आलू सड़ सकते हैं। मिट्टी को नमी बनाए रखने के लिए हफ्ते में 2-3 बार हल्का पानी दें। गर्मियों में ज्यादा ध्यान रखें कि मिट्टी सूखी न हो।

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नए अंकुरों की देखभाल: जैसे-जैसे आलू के पौधे बढ़ते हैं, उनमें से अंकुर निकलने लगेंगे। पौधों को 6-8 इंच की ऊंचाई तक बढ़ने पर, उन्हें हल्की खाद या गोबर की खाद डालकर पोषित करें। जब पौधे लगभग 1 फीट लंबे हो जाएं, तो उनके चारों ओर मिट्टी ढक दें (जिसे "हिलिंग" कहा जाता है) ताकि आलू के कंद ऊपर न आएं और वे अच्छे से विकसित हो सकें।

फसल का कटाई: आलू के पौधे फूलने के बाद और पत्तियाँ सूखने पर, यह संकेत होता है कि आलू पक चुके हैं। आलू के पौधों को धीरे से खोदकर उनकी फसल निकालें। ध्यान से आलू निकालें ताकि वे टूटे नहीं। आलू को काटने के बाद अच्छे से धोकर सुखा लें।

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