चुमार के बाद चीनी सेना ने अरुणाचल में बनाई सड़क, भारत को दी चेतावनी

चुमार के बाद चीनी सेना ने अरुणाचल में बनाई सड़क, भारत को दी चेतावनी
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इस घुसपैठ की जानकारी अरुणाचल के ही एक स्थानीय निवासी हिवाक छादर ने अपने मोबाइल पर तस्वीर खींचकर सेना को दी थी।
नई दिल्ली. चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा। देश की पश्चिमी सीमा पर चुमार, डेमचौक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाओं के बाद अब पूवरेत्तर सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में भी चीनी सेना ने घुसपैठ की थी। घटना करीब एक महीने पहले की है जब चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के लगभग 12 जवानों ने अपने कुछ वाहनों के साथ अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) लांघकर भारतीय इलाके ऊपरी सुबानसिरी में प्रवेश किया लेकिन कुछ देर यहां ठहरने के बाद वो वापस चले गए।
सड़क बनाने की कोशिश नाकाम
सूत्रों ने बताया कि सीमा पर 8-10 क्षेत्र विवादित हैं और दोनों ही देशों की सेनाएं यहां पर गश्‍ती करती हैं। असाफिला भी इनमें से एक है। एक सूत्र ने कहा, 'यहां पर कई बार दोनों सेनाएं आमने-सामने आ जाती हैं। इलाके में पिछले कई महीनों ने चीन ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। कुछ दिनों पहले पीएलए के जवान गाडि़यों और अन्‍य सामानों के साथ इलाके में आए और सड़क बनाने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षाबलों ने उन्‍हें ऐसा करने से रोका और वे वापस चले गए। इस दौरान ज्‍यादा तनाव की स्थिति पैदा नहीं हुई।
इस बाबत यहां रक्षा मंत्रालय में मौजूद थलसेना के सूत्रों का कहना है कि अरुणाचल के ऊपरी सुबानसिरी इलाके में चीनी सैनिकों ने प्रवेश किया था लेकिन वो यहां ज्यादा देर तक नहीं रुके और वापस चले गए। इस घुसपैठ की जानकारी अरुणाचल के ही एक स्थानीय निवासी हिवाक छादर ने अपने मोबाइल पर इस घटना की तस्वीर खींचकर सेना को दी। हिवाक ऊपरी सुबानसिरी के तकसिंग सर्किल के कच्चा गांव का रहने वाला है। सेना का तर्क है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन चीनी सेना ने वर्ष 1962 की लड़ाई के बाद राज्य के कुछ हिस्से पर कब्जा किया था जिसपर वो अपना अधिकार जताती है। दोनों देशों के बीच विवाद की यह स्थिति एलएसी का धरातल पर निर्धारण ना होने की वजह से बनी हुई है।
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर में सितंबर महीने में ही सिक्किम में नाथुला के बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट (बीपीएम) के पास दोनों सेनाओं के बीच हाथापाई और छिटपुट झड़प का वाकया हुआ था। इसके अलावा चीनी सेना जम्मू-कश्मीर से लगी पश्चिमी-सीमा पर लद्दाख के इलाकों में जब भी घुसपैठ करती है तो कई दिनों तक विवादित इलाके में टेंट लगाकर अपने जवानों के साथ डटी हुई रहती है। इसके बाद विवाद का निपटारा दोनों देशों के बीच उच्च स्तर पर कूटनीतिक वार्ताओं के जरिए निकाला जाता है।
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