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FIITJEE Ad Row: टेक कंपनी के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने कॉम्पिटिटिव एग्जाम कल्चर की आलोचना की। उन्होंने कहा- भारतीय छात्रों और युवाओं को "अति-प्रतिस्पर्धी परीक्षा के दबाव" से बाहर निकलने की जरूरत है।

FIITJEE Ad Row: ज़ोहो के सीईओ श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) ने देश के कुछ प्रतिष्ठित अखबारों में प्रकाशित FIITJEE के विज्ञापन की कड़ी आलोचना की। इस एड में कोचिंग छोड़ने के बाद प्रदर्शन में गिरावट दिखाने के लिए एक स्टूडेंट की फोटो लगाई गई थी। संस्थान की इस अनैतिक रणनीति के लिए भारी आलोचना हो रही है, क्योंकि इसमें कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले छात्रों की आत्महत्याओं के आंकड़े दिखाकर भड़काऊ भाषा के साथ डर फैलाने की कोशिश की गई है। 

फिनलैंड के एजुकेशन सिस्टम से सीखें 
श्रीधर वेम्बू ने विज्ञापन को दोबारा शेयर करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- देशभर के छात्रों और युवाओं को "अति-प्रतिस्पर्धी परीक्षा दबाव" से बाहर निकलने की आवश्यकता है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें मैं पूर्वी एशिया से नहीं सीखूंगा, बल्कि फिनलैंड से सीखूंगा, जहां शानदार सरकार से सहायता प्राप्त एजुकेशनल सिस्टम है, जो किसी प्रतिस्पर्धी पागलपन के बिना हर बच्चे को समान अवसर देता है।

कॉम्पिटीशन कंपनियों के लिए बाजार में होता है
ज़ोहो चीफ ने कहा- कॉम्पिटिटिव एग्जाम कल्चर के कारण कम उम्र में ज्यादा प्रेशर "किसी व्यक्ति की प्रतिभा को खत्म कर देता है और जॉम्बीफाइड (भ्रमित) युवाओं को जन्म देता है। यह विलुप्त होने की चूहा दौड़ है। कॉम्पिटीशन मार्केट में कंपनियों के लिए और स्पोर्ट्स के लिए है, एजुकेशन में बच्चों के लिए नहीं।'' उन्होंने आगे कहा कि एक इम्पलॉयर के तौर पर हमारी कंपनी ने एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स पर भी विचार नहीं करने का फैसला लिया है। हम ऐसे शैक्षिक विकल्पों में निवेश कर रहे हैं, जो फिनलैंड से प्रेरित हैं।

सोशल मीडिया यूजर्स ने दी प्रतिक्रियाएं
बता दें कि शेयर किए जाने के बाद FIITJEE के विज्ञापन से जुड़ी पोस्ट 2 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। इसे 3000 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। कई यूजर इसे लेकर कमेंट कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- फिनलैंड से सीखने लायक एक और बात एजुकेशन मीडियम भी है। यहां ज्यादातर स्कूल फिनिश भाषा में पढ़ाई कराते हैं। मातृभाषा में पढ़ाई ने शिक्षा में अहम भूमिका निभाई है। दूसरे यूजर ने कमेंट किया- जिन चीजों में सुधार की जरूरत है, उनमें भारतीय शिक्षा प्रणाली सबसे ऊपर है। अन्य यूजर ने लिखा- हमें क्रिएटिविटी को बढ़ावा देना चाहिए और परीक्षा करो या मरो के चलन से बाहर निकलना चाहिए।

कौन हैं श्रीधर वेम्बू? 
भारतीय अरबपति श्रीधर वेम्बू का जन्म 1968 में हुआ। उन्होंने टेक कंपनी ज़ोहो की स्थापना की। फिलहाल वह जोहो कॉरपोरेशन के सीईओ हैं। फोर्ब्स के मुताबिक, श्रीधर वेम्बू भारतीय अमीरों की लिस्ट में 55वें स्थान पर हैं। 2021 में उनकी नेटवर्थ 3.75 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। 

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