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NTPC Green Energy IPO से एनटीपीसी के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोत्साहन को बड़ा फंड मिलने की उम्मीद है, जिसमें सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया में निवेश शामिल है।

NTPC IPO: एनटीपीसी के शेयरों में गुरुवार को 3.5% से ज्यादा का उछाल आया और नेशलन स्टॉक एक्सजेंच (NSE) पर शेयर ने 431.85 रुपए पर पहुंच गया, जो कि इसका 52 वीक का सबसे हाई लेवल है। वहीं, बीएसई पर यह 428.70 रुपए के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गए। एनटीपीसी के शेयर में यह उछाल सीधे तौर पर सहयोगी कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के आईपीओ से जुड़ा है। जिसके 10 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ (इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग) के लिए बुधवार को ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया गया है। इस आईपीओ में केवल नए शेयर जारी किए जाएंगे और मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे।

नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बड़ा दांव
यह आईपीओ ऐसे समय में आया है जब पावर प्रोड्यूसर कंपनियां नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में बड़े निवेश कर रही हैं और अपनी ग्रीन एनर्जी क्षमता बढ़ाने की प्रतिबद्धता जता रही हैं। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ कंपनी की ग्रीन एनर्जी स्कीम्स को मजबूती देगा, जिसमें सोलर एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया जैसे प्रमुख निवेश शामिल होंगे।

आईपीओ में NTPC शेयरधारकों के लिए कोटा
इस आईपीओ में एनटीपीसी लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों के लिए 10% तक का कोटा आरक्षित किया गया है। जिन निवेशकों के पास एनटीपीसी के शेयर होंगे, वे इस कोटे के तहत आईपीओ में हिस्सा ले सकेंगे।

NTPC स्टॉक के लिए क्या है प्राइस टारगेट? 
ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने एनटीपीसी के शेयरों पर ‘BUY’ की सिफारिश की है और इसका टारगेट प्राइस 485 रुपए प्रति शेयर तय किया है, जो वर्तमान बंद भाव से 17% अधिक है। Jefferies ने कहा है कि एनटीपीसी 2032 तक अपनी 60 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, और इसकी ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाएं और नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि इसके शेयरों के पुनर्मूल्यांकन में मददगार साबित हो सकती हैं।

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के लिए भविष्य की योजनाएं
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य आईपीओ के जरिए जुटाए गए 10,000 करोड़ रुपए का इस्तेमाल सौर ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया जैसी परियोजनाओं में करना है। कंपनी की स्थापना 2022 में एनटीपीसी की नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों को समेकित करने के लिए की गई थी, और इसका लक्ष्य 2032 तक 60 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है।

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