Logo
election banner
Shani Sade Sati Effect: शनि का राशि परिवर्तन हो या फिर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या, हर कुछ कष्टकारी ही माना जाता है। जिन राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या लगी होती है, उन पर और उनके जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है, यह सोचना भी बहुत दुखदायी हो सकता है।

Shani Sade Sati Effect: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का विशेष महत्व और उनकी भूमिका मानी गई है। 9 ग्रहों, 27 नक्षत्रों और 12 राशियों के आधार पर सभी तरह की ज्योतिषीय गणनाएं की जाती है। इन सबमें से शनि ग्रह को सबसे अधिक क्रूर ग्रह माना गया है। दरअसल, यह ग्रह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने के लिए जाना जाता है। शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलता है। यह राशि परिवर्तन में ढाई साल का समय लेता है। 

शनि का राशि परिवर्तन हो या फिर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या, हर कुछ कष्टकारी ही माना जाता है। जिन राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या लगी होती है, उन पर और उनके जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है, यह सोचना भी बहुत दुखदायी हो सकता है। उनके जीवन में एक से बढ़कर एक चुनौती होती है। 

क्या होती है शनि की साढ़ेसाती? 

जातकों के जीवन में साढ़े सात वर्षों तक शनि की दशा चलती है, तो इसे शनि की साढ़ेसाती कहते है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल वास करते है। ज्योतिष के अनुसार, जिस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहता है उसके जातकों का जीवन कष्टकारी हो जाता है। व्यक्ति के कार्यों में तरह-तरह की अड़चनें आने लगती है। इसके उलट यदि व्यक्ति अच्छे कर्म करता है, तो शनि देव उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते है और तरक्की मार्ग प्रशस्त करते हैं। 

शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मौजूदा समय में शनि कुंभ राशि में विराजित है। कुंभ राशि में ढाई वर्षों तक रहने के पश्चात अब शनि साल 2025 में मीन राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण प्रारंभ हो जाएगा। दूसरा चरण मीन राशि पर और तीसरा आखिरी चरण कुंभ राशि पर होगा। ज्योतिष गणना के आधार पर कुंभ राशि के जातकों पर 3 जून 2027 तक शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहेगा, इसके बाद उन्हें मुक्ति मिलेगी। 

  • - शनि का राशि परिवर्तन 2025 में होगा, इससे मेष राशि पर साढ़ेसाती शुरू होगी जो साल 2032 तक चलेगी। 
  • - वृषभ राशि के जातकों पर साल 2027 में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण प्रारंभ होगा। 
  • - शनि की साढ़ेसाती 08 अगस्त 2029 से मिथुन राशि के जातकों पर शुरू होगी और 2036 में खत्म होगी। 
  • - मई 2032 से कर्क राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी, जोकि 22 अक्तूबर 2038 तक रहेगी।
  • - कुंभ, मीन, मेष, वृषभ और कर्क राशि के ऊपर 2025 से 2038 तक शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। 

इन राशियों से खत्म होगा साढ़ेसाती का प्रभाव 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, शनि का राशि परिवर्तन कुंभ से मीन में होगा। ऐसी स्तिथि में मकर राशि वालों के ऊपर से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पूरी तरह ख़त्म हो जाएगा। साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर चल रही शनि की ढैय्या भी पूरी तरह समाप्त होगी। 
 

5379487