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Jaya Ekadashi 2025 Shubh Yog aur Upay: ज्योतिष के अनुसार, इस वर्ष का 'जया एकादशी' का व्रत साधकों के लिए बड़े बदलाव लेकर आया है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को 'जया एकादशी' कहा जाता है, इस दिन का व्रत करने से हमारी तीन चीजें स्वतः ही जीवन से चली जाती है। चलिए जानते है उनके बारे में-

Jaya Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है। आज 8 फरवरी को माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने और विधिपूर्वक व्रत पूरा करने पर साधकों को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को 'जया एकादशी' कहा जाता है, इस दिन का व्रत करने से हमारी तीन चीजें स्वतः ही जीवन से चली जाती है। चलिए जानते है उनके बारे में- 

ज्योतिष के अनुसार, इस वर्ष का 'जया एकादशी' का व्रत साधकों के लिए बड़े बदलाव लेकर आया है। आज बन रहे दो शुभ और दुर्लभ योगों के चलते व्रत करने वाले साधकों के जीवन से तीन चीजों का नष्ट होना तय है, जिसमें दरिद्रता, दुर्भाग्य और कष्ट शामिल है। यह बात स्वयं श्री कृष्ण ने कही थी। 

जया एकादशी 2025 शुभ योग
(Jaya Ekadashi 2025 Shubh Yog) 

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज जया एकादशी के दिन दो दुर्लभ योग निर्मित हो रहे है, जो कई वर्षों बाद आये है। इनमें पहला है त्रिपुष्कर योग और दूसरा है आयुष्मान योग। दोनों ही योग साधकों के जीवन में सुख और समृद्धि की बरसात करेंगे। लेकिन इसकी प्राप्ति के लिए आज के दिन का व्रत विधिवत पूरा करना होगा। बता दें त्रिपुष्कर योग तीन गुना धनलाभ और सुख देने वाला है और आयुष्मान योग लंबी उम्र की प्राप्ति करवाएगा। साथ ही अकाल मृत्यु से रक्षित करेगा। 

जया एकादशी 2025 का उपाय
(Jaya Ekadashi 2025 Upay)

आज जया एकादशी के दिन सुबह के समय पीपल के वृक्ष की पूजा करें। पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें। साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का ध्यान करें।  इस दौरान पीपल के सामने की तरफ घी का दीपक प्रज्ज्वलित करना न भूलें। यह उपाय आपके परिवार में कई गुना सुख और समृद्धि लेकर आएगा। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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