India-US Relations: H-1B वीजा विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो से मिले एस जयशंकर; जानें क्या हुई बात?

H-1B वीजा शुल्क विवाद के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई। जानें इस बैठक में क्या चर्चा हुई।

Updated On 2025-09-23 09:45:00 IST

H-1B वीजा शुल्क विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मिले एस जयशंकर। 

S Jaishankar Meet Marco Rubio: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद के बीच विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार (22 सितंबर 2025) को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने सकारात्मकत संकेत दिए हैं। यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर न्यूयॉर्क में हुई, ऐसे समय में जब अमेरिका ने H-1B वीजा पर 100,000 डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है, जिससे भारत के आईटी सेक्टर में हलचल मच गई है।

रणनीतिक साझेदारी पर बनी सहमति

मार्को रुबियो ने इस बैठक को भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए निर्णायक बताया। कहा, दोनों देश रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, दवाइयों और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में अपने सहयोग को और गहरा करेंगे। उन्होंने इंडो-पैसिफिक रणनीति और क्वाड साझेदारी में भारत की भूमिका को अहम बताया।

एस. जयशंकर ने भी बैठक को सकारात्मक और रचनात्मक बताया है। अपने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा-हमारी बातचीत में कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर जुड़ाव आवश्यक है। हम संपर्क में रहेंगे। 

क्या है H-1B वीजा शुल्क विवाद ? 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा पर $100,000 शुल्क के जरिए भारतीय आईटी सेक्टर को बड़ा झटका दिया है। भारत H-1B वीजा का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है पिछले साल जारी वीजा में से 71% भारतीय नागरिकों को मिले थे, जबकि चीन को केवल 12% से भी कम।

IT सेक्टर में नौकरियों पर संकट

विश्लेषकों के अनुसार, यह शुल्क वृद्धि भारतीय आईटी कंपनियों की लागत और घाटा बढ़ा सकती है। इससे नौकरियों की स्थिति पर भी विपरीत असर पड़ेगा। ऐसे में भारत और अमेरिकी विदेश मंत्रियों की मुलाकात सकारात्मक संदेश देती है।

ट्रंप टैरिफ के बाद बातचीत की शुरुआत

जुलाई में ट्रंप प्रशासन ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने को लेकर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। हालांकि, सितंबर में दोनों पक्षों ने व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू की, जो इस बात का संकेत है कि दोनों देश रिश्तों को पटरी पर लाना चाहते हैं।

लगातार संपर्क में हैं दोनों देश

यह मुलाकात दर्शाती है कि वीजा और व्यापार विवाद के बावजूद, भारत और अमेरिका अपने कूटनीतिक संवाद और सहयोग को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जुलाई में जयशंकर और रुबियो की आखिरी मुलाकात क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में हुई थी।

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