Jaishankar UN Speech: संयुक्त राष्ट्र में जयशंकर का पाकिस्तान पर करारा हमला, यूक्रेन-गाजा संघर्ष पर शांति और वैश्विक सहयोग की अपील

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि यूक्रेन और गाजा युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। भारत ने शांति बहाली और वैश्विक सहयोग के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।

Updated On 2025-09-28 07:03:00 IST

भारत ने UNGA में पाक को दिया करारा जवाब, यूक्रेन और गाजा संघर्ष पर वैश्विक कार्रवाई का आह्वान

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का गढ़ बताया। उन्होंने कहा कि 2008 मुंबई हमले जैसे बड़े आतंकी हमलों की जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी हैं, जहां लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन अब भी सक्रिय हैं।

जयशंकर ने चेतावनी दी कि परमाणु ब्लैकमेल से पाकिस्तान को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर" का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है और दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने की अपील की।



भारत ने एक बार फिर वैश्विक शांति का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन और गाजा में जारी संघर्ष न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने विश्व समुदाय से आह्वान किया कि अब समय आ गया है जब सभी देश मिलकर ठोस कदम उठाएं और शांति की दिशा में आगे बढ़ें।

वैश्विक संघर्षों से ऊर्जा और खाद्य संकट

जयशंकर ने अपने भाषण में बताया कि 2022 से शुरू हुए संघर्षों का सबसे गंभीर असर ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि संपन्न समाज तो अपने लिए तुरंत समाधान निकाल लेते हैं, लेकिन संसाधनों की कमी से जूझ रहे गरीब देशों को अस्तित्व के लिए जूझना पड़ता है। इन परिस्थितियों में उन्हें सिर्फ "पाखंडी उपदेश" सुनने को मिले।


भारत की संतुलित और तटस्थ भूमिका

विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी ऐसे प्रयास का समर्थन करेगा जो शांति बहाली और स्थिरता लाने में सहायक हो। उन्होंने कहा कि समाधान केवल तत्काल युद्धविराम तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने वाला होना चाहिए।

वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

जयशंकर ने दुनिया को संदेश दिया कि कोई भी देश अकेले जलवायु परिवर्तन, खाद्य असुरक्षा या संघर्षों जैसी चुनौतियों से नहीं निपट सकता। इसके लिए वैश्विक सहयोग और सामूहिक कार्रवाई अनिवार्य है। भारत इस दिशा में विभिन्न देशों और संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

भारत की बढ़ती भूमिका

भारत ने संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर अपनी बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि उसका दृष्टिकोण ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना पर आधारित है। जयशंकर ने बताया कि भारत शांति के साथ-साथ सतत विकास, तकनीकी नवाचार और समावेशी वृद्धि के लिए भी काम कर रहा है।

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