'मैं काम नहीं कर पाऊंगा': बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनुस ने क्यों कहा ऐसा, जानिए वजह

Muhammad Yunus: बांग्लादेश में फिर बड़ा फेरबदल होने के संकेत हैं। देश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर डॉ. मोहम्मद यूनुस ने पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। जानिए क्यों?

Updated On 2025-05-23 07:59:00 IST

Muhammad Yunus: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में फिर बड़ा फेरबदल होने के संकेत हैं। देश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर डॉ. मोहम्मद यूनुस ने पद से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। युनुस को लगता है कि राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के कारण काम करना मुश्किल हो रहा है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए युनुस ने पद से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है। गुरुवार (22 मई) की देर रात छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के प्रमुख एनहिद इस्लाम के हवाले से यह जानकारी दी गई है।

बंधक जैसा महसूस कर रहे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के प्रमुख एनहिद इस्लाम ने कहा कि हम सर (यूनुस) के इस्तीफे की खबर सुन रहे हैं। मैं इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलने गया था। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में सोच रहे हैं। यूनुस ने आशंका जताई है कि जब तक राजनीतिक दल सहमति नहीं बना लेते, वह काम नहीं कर पाएंगे। एनहिद इस्लाम ने कहा कि वे बंधक जैसा महसूस कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि मौजूदा स्थिति में वह काम नहीं कर सकते।

इसलिए सरकार और सेना में है टकराव
बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर प्रस्तावित रखाइन कॉरिडोर को लेकर सेना और अंतरिम सरकार के बीच मतभेद है। दोनों आमने-सामने है। हाल ही में बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा था कि अंतरिम सरकार ने अमेरिका की तरफ से प्रस्तावित रखाइन कॉरिडोर पर सहमति व्यक्त कर दी है।

सेना ने जताया कड़ा विरोध
सेना ने इस बात पर कड़ा विरोध जताया। सेना प्रमुख जनरल वकार ने इसे खूनी कॉरिडोर बताते हुए अंतरिम सरकार को चेतावनी दी। कहा-बांग्लादेश की सेना कभी भी किसी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगी जो संप्रभुता के लिए हानिकारक हो। न ही किसी को ऐसा करने की इजाजत दी जाएगी।

विदेशी सरकार से समझौता नहीं
अंतरिम सरकार ने बढ़ते विवाद के बीच अपने पहले के बयान से पलटते हुए स्पष्ट किया कि बांग्लादेश ने म्यांमार सीमा पर रखाइन कॉरिडोर को लेकर किसी भी विदेशी सरकार के साथ कोई आधिकारिक समझौता नहीं किया है।

चुनाव को लेकर बढ़ रहा टकराव
यूनुस ने आम चुनावों को जनवरी-जून 2026 के बीच कराने की बात कही है। सेना इसे दिसंबर 2025 से आगे खींचने को लेकर नाराज है। इसके चलते आगे टकराव तेज हो सकते हैं। यूनुस के अलावा कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी भी चुनाव टालने के पक्ष में हैं। खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने भी यूनुस पर दबाव बढ़ाते हुए दिसंबर में चुनाव कराने की मांग दोहराई है।

आर्मी चीफ की चेतावनी
आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमा ने अपने अधिकारियों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि आम चुनाव इस साल दिसंबर से आगे नहीं टलने चाहिए। आर्मी चीफ ने चेतावनी दी कि यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार के पास संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर निर्णय लेने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है। रखाइन कॉरिडोर के मुद्दे पर सेना मार्च से ही कह रही है कि हमारी सहमति के बिना इसे बनाना अवैध है। 

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