ऑपरेशन सिंदूर का खौफ: आसिम मुनीर का बड़ा दावा, बोले- "भारत से जंग में हमें अल्लाह की मदद मिली"
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत-पाक सैन्य टकराव में ईश्वरीय सहायता मिलने का दावा किया, साथ ही तालिबान को TTP पर चेतावनी दी।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर और 2025 के सैन्य टकराव पर पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर का बड़ा बयान, तालिबान और TTP पर भी तीखा हमला।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने हाल ही में दावा किया कि मई 2025 में भारत के साथ हुए सैन्य टकराव के दौरान, जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया, पाकिस्तान को "ईश्वरीय सहायता" प्राप्त हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मदद को हमने देखी और महसूस की।
यह बयान 10 दिसंबर 2025 को इस्लामाबाद में आयोजित नेशनल उलेमा कॉन्फ्रेंस में दिया गया, हालांकि पूरा भाषण आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया, लेकिन स्थानीय टीवी चैनलों पर इसके कुछ हिस्से प्रसारित हुए।
बता दें कि यह टकराव 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुआ, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। हमलावरों ने मुख्य रूप से हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। भारत ने इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर लगाई।
जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के मुख्य क्षेत्रों में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। पाकिस्तान ने इन हमलों को नागरिक क्षेत्रों पर बताकर निंदा की, जबकि भारत ने स्पष्ट किया कि केवल आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर को लक्ष्य बनाया गया।
इसके बाद दोनों पक्षों के बीच चार दिनों तक जबरदस्त सैन्य संघर्ष हुआ। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की। भारत ने भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों, विशेष रूप से 11 एयरबेस जैसे नूर खान, रफीकी, मुरिद, सरगोधा, भोलारी आदि पर हमले किए, जिससे पाकिस्तान की वायुसेना को भारी नुकसान हुआ। अंततः 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई। यह संघर्ष 1971 के बाद सबसे बड़ा सैन्य टकराव था, जिसमें भारत ने अपनी सैन्य श्रेष्ठता दिखाई।
इसी भाषण में मुनीर ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि काबुल को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का समर्थन करने या इस्लामाबाद के साथ संबंध बनाए रखने में से एक चुनना होगा। मुनीर ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में होने वाले अधिकांश आतंकी हमलों के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल हो रहा है और TTP के घुसपैठियों में 70 प्रतिशत अफगान नागरिक हैं।
उन्होंने पूछा कि क्या काबुल पाकिस्तानी बच्चों की हत्या सहित खून-खराबे की जिम्मेदारी लेने को तैयार है। पाकिस्तान लंबे समय से तालिबान पर TTP के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाता रहा है, जबकि तालिबान इन आरोपों से इनकार करते हैं। मुनीर ने यह भी दोहराया कि सीमा पार आतंकवाद पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है और कुछ तालिबान समूहों को भारत का समर्थन मिल रहा है।
मुनीर ने धार्मिक मुद्दों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिहाद की घोषणा केवल राज्य का अधिकार है, कोई व्यक्ति या गैर-सरकारी संगठन फतवा जारी नहीं कर सकता। कुरान की आयतों और इस्लामी इतिहास का हवाला देते हुए उन्होंने पाकिस्तान को 1400 साल पुराने शुरुआती इस्लामी राज्य से जोड़ा। उन्होंने दावा किया कि 57 इस्लामी देशों में पाकिस्तान को मक्का-मदीना की सुरक्षा की विशेष जिम्मेदारी मिली है।
यह भाषण पाकिस्तान की आंतरिक और बाहरी चुनौतियों के बीच आया है, जहां TTP के हमले बढ़ रहे हैं और भारत के साथ तनाव बना हुआ है। मुनीर के बयान को धार्मिक भावनाओं को जगाने और सेना की छवि मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यह भी सच है कि आसिम मुनीर ने कार्यक्रम में बुनियान उल मर्सूस को लेकर झूठ बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।