रामभद्राचार्य vs प्रेमानंद महाराज: कसौटी पर ज्ञान, संतों में घमासान; देखें वीडियो
रामभद्राचार्य और प्रेमानंद महाराज विवाद: संस्कृत ज्ञान और चमत्कार को लेकर दोनों संतों के बीच तकरार। INH के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने संतों संग की खास चर्चा। देखें वीडियो
Rambhadracharya vs Premanand Maharaj: संत समाज में इन दिनों बड़ा घमासान मचा हुआ है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य और प्रेमानंद महाराज आमने-सामने हैं। विवाद तब गहराया जब रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को चमत्कारी संत मानने से इंकार करते हुए उन्हें संस्कृत संवाद की खुली चुनौती दे डाली। इस गंभीर मुद्दे पर मंगलवार, 26 अगस्त को हरिभूमि-INH के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने स्पेशल शो "चर्चा में" जाना कि संतों को क्या इस तरह की अभद्र टिप्पणी करना शोभा देता है?
इस खास चर्चा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष आचार्य दिनेश फलाहारी महाराज और दिगम्बर अखाड़ा चित्रकूट के महंत दिव्य जीवनदास शामिल हुए। दोनों ने अपने-अपने तर्क रखे और विवाद को गहराई से समझाया।
बड़ा सवाल
रामभद्राचार्य और प्रेमानंद महाराज के बीच यह टकराव महज ज्ञान की कसौटी है या फिर श्रेष्ठता की लड़ाई? संत समाज इस विवाद को कैसे देख रहा है, यही फिलहाल चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है।
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विवाद कैसे शुरू हुआ?
रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज के चमत्कारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि असली चमत्कार शास्त्रज्ञान होता है। उन्होंने कहा- “अगर प्रेमानंद महाराज सच में चमत्कारी हैं तो सामने आकर संस्कृत में संवाद करें या मेरे कहे गए श्लोकों का अर्थ समझाएं। वो मेरे बालक समान हैं। लोकप्रियता थोड़े समय की होती है।”
कौन हैं प्रेमानंद महाराज?
- असली नाम: अनिरुद्ध कुमार पांडे।
- जन्म: 30 मार्च 1969, कानपुर (UP)।
- निवास: वृंदावन।
- संस्थापक: 2016 में श्री हित राधा केली कुञ्ज ट्रस्ट।
- सेवाएं: तीर्थयात्रियों को भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधा।
- शिक्षाएं: भक्ति, गुरु का महत्व, सरल जीवन और प्रेमपूर्ण सेवा।
- विशेष: 19 साल से किडनी रोग से जूझते हुए भी रोज परिक्रमा और प्रवचन।