यूपी के स्कूलों में 'प्रोजेक्ट प्रवीण': 20 अक्टूबर से शुरू होगी कौशल ट्रेनिंग, आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
प्रोजेक्ट प्रवीण' छात्रों को शुरुआती स्तर पर ही उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रदान करके उनके भविष्य के करियर विकल्पों का विस्तार करेगा, जिससे वे केवल डिग्री धारक न होकर, रोजगार सृजन में सक्षम बनें।
कौशल प्रशिक्षण को स्कूलों में शुरू करने का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो स्कूली शिक्षा को व्यावसायिक प्रशिक्षण से जोड़ने पर जोर देती है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल कर रही है। 'प्रोजेक्ट प्रवीण' के तहत, वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कौशल प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) ने प्रशिक्षण प्रदाताओं को लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं और उन्हें 20 अक्टूबर 2025 तक अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण बैच शुरू करने का निर्देश दिया है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ रोजगार-उन्मुख कौशल प्रदान कर युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना है। प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क पाठ्य सामग्री भी प्रदान की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि शिक्षा और कौशल विकास सभी के लिए सुलभ हो।
'प्रोजेक्ट प्रवीण': यूपी के माध्यमिक विद्यालयों में कौशल प्रशिक्षण का शुभारंभ
योगी सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में, 'प्रोजेक्ट प्रवीण' के अंतर्गत पूरे प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य स्कूली छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ ऐसा कौशल प्रदान करना है, जिससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें और रोजगार की चुनौतियों का सामना कर सकें। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए कमर कस ली है और प्रशिक्षण प्रदाताओं को उनके लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं।
20 अक्टूबर 2025 से प्रशिक्षण बैच अनिवार्य
कौशल विकास मिशन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को समय पर शुरू करने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। प्रशिक्षण प्रदाताओं को निर्देशित किया गया है कि वे सभी आवश्यक नियमों का पालन करते हुए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (DPMU) से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, 20 अक्टूबर 2025 तक अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण बैच प्रारम्भ कर दें।
इस अवसर पर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा: पंजीकृत प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क पाठ्य सामग्री वितरित की जाएगी। यह वितरण प्रक्रिया जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष जोर
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उच्च स्तर की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए, मिशन ने ऑनलाइन मॉनिटरिंग का प्रावधान किया है। प्रशिक्षण प्रदाताओं के लिए यह अनिवार्य होगा कि वे पाठ्य सामग्री वितरण और बैच शुरू करने से संबंधित न्यूनतम तीन तस्वीरें और वितरण की पावती रसीद को जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई से सत्यापित कराएं। सत्यापन के बाद इन सभी दस्तावेजों को मिशन के पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजना का कार्यान्वयन सही ढंग से हो रहा है।
शिक्षा के साथ रोजगारोन्मुख कौशल का संगम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का मानना है कि केवल पारंपरिक शिक्षा से ही आज के युवाओं की आवश्यकताएं पूरी नहीं होंगी। भविष्य की तेजी से बदलती मांग को देखते हुए, छात्रों को रोजगारोन्मुख कौशल से लैस करना आवश्यक है। 'प्रोजेक्ट प्रवीण' इसी सोच का परिणाम है, जो स्कूली स्तर पर ही छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक कौशल से जोड़ेगा। यह पहल न केवल छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगी, बल्कि उन्हें आवश्यक अध्ययन सामग्री भी निःशुल्क उपलब्ध कराएगी, जिससे ग्रामीण और गरीब पृष्ठभूमि के छात्र भी बिना किसी बाधा के प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
'इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता-2025' की पंजीकरण तिथि बढ़ी
राज्य में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, 'इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता-2025' के पंजीकरण की प्रगति की समीक्षा की गई। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की अपर मिशन निदेशक, प्रिया सिंह ने जिला परियोजना प्रबंधन इकाइयों (डीपीएमयू) के साथ बैठक की। उन्होंने प्रदेश की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण की गति को तेज करने का निर्देश दिया।