यूपी बना देश का पहला राज्य: लगातार छठवें साल बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी, 3.5 करोड़ उपभोक्ताओं को राहत
यह निर्णय सरकार की 17,100 करोड़ की सब्सिडी और उपभोक्ता हितैषी नीतियों का परिणाम है, जिससे प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत मिली।
इस निर्णय से प्रदेश के साढ़े तीन करोड़ से अधिक घरेलू, किसान और औद्योगिक उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी न करने का निर्णय लिया है।
यह लगातार छठा वर्ष है जब राज्य में बिजली की दरें अपरिवर्तित रखी गई हैं, और इस उपलब्धि के साथ ही उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। पावर कार्पोरेशन द्वारा दरों में 45% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे आयोग ने औचित्यहीन मानते हुए खारिज कर दिया। इस ऐतिहासिक निर्णय से प्रदेश के साढ़े तीन करोड़ से अधिक घरेलू, किसान और औद्योगिक उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है।
सरकारी सब्सिडी ने साधा संतुलन
बिजली दरों में बढ़ोतरी न होने के पीछे राज्य सरकार की सब्सिडी और बिजली कंपनियों के पास मौजूद उपभोक्ता अधिशेष मुख्य कारण हैं। आयोग ने पाया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिजली कंपनियों को होने वाले लगभग 7,710.04 करोड़ के अनुमानित घाटे की भरपाई उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली 17,100 करोड़ की सब्सिडी से की जाएगी।
इसके अलावा, नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के पास 1 अप्रैल 2025 तक मौजूद 18,592.38 करोड़ की अनुमानित अतिरिक्त जमा राशि को भी ध्यान में रखा, जिसने दरों में वृद्धि की आवश्यकता को सिरे से खारिज कर दिया।
कृषि और मल्टीस्टोरी बिल्डिंग उपभोक्ताओं के लिए प्रावधान
टैरिफ ऑर्डर में किसानों और ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी बड़ी राहत दी गई है, क्योंकि उनके लिए भी दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त, नियामक आयोग ने बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले उपभोक्ताओं की समस्याओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
आयोग ने घोषणा की है कि वह सिंगल पॉइंट कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के मुद्दों को हल करने के लिए जल्द ही एक अलग से परामर्श पत्र जारी करेगा। यह कदम बड़ी आवासीय सोसाइटियों में बिजली वितरण से जुड़ी शिकायतों को दूर करने में सहायक होगा।
उपभोक्ताओं के लिए अन्य राहत और योजनाए
बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने के साथ ही, सरकार ने उपभोक्ताओं को वित्तीय राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की भी घोषणा की है। 'बिजली बिल राहत योजना 2025-26' के तहत, 2 किलोवॉट तक के घरेलू और 1 किलोवॉट तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को बकाया बिलों पर ब्याज में 100% तक और मूलधन में
15% से 25% तक की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को ऑनलाइन भुगतान करने पर अतिरिक्त छूट का भी प्रावधान किया गया है, जो डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देगा और बिल जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाएगा।