UP में SIR - तारीख नोट करें: 15.44 करोड़ वोटरों के लिए 4 नवम्बर से घर-घर BLO की दस्तक, 9 दिसम्बर ड्राफ्ट सूची और 7 फरवरी 2026 को जारी होगी अंतिम सूची
यूपी में 22 साल बाद 28 अक्टूबर 2025 से विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान शुरू हो रहा है। 15.44 करोड़ मतदाताओं के लिए 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक 1,62,486 बूथों पर BLO घर-घर जायेंगे।
यह विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान 28 अक्टूबर 2025 से आरंभ होने जा रहा है।
लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग ने देश में मतदाता सूचियों की शुद्धता और साटिकता सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आयोग ने विशेष सघन पुनरीक्षण के दूसरे चरण के तहत देश के कुल 12 राज्यों में यह गहन पुनरीक्षण कार्य कराने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में, देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में भी यह विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान 28 अक्टूबर 2025 से आरंभ होने जा रहा है।
आपको बता दें की उत्तर प्रदेश में लगभग 22 वर्ष बाद इतने व्यापक और गहन स्तर पर इस तरह का विशेष पुनरीक्षण अभियान दोबारा आयोजित किया जा रहा है। इसका सीधा असर प्रदेश के 15.44 करोड़ से अधिक मतदाताओं पर पड़ेगा। इसको लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने राज्य के सभी राजनीतिक दलों और प्रत्येक मतदाता से विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान में सक्रिय सहयोग की अपील की है।
SIR अभियान की 1,62,486 बूथों पर तैयारी
उत्तर प्रदेश में इस विशाल और गहन पुनरीक्षण कार्य को सफल बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने जमीनी स्तर तक एक संगठित प्रशासनिक ढांचा बनाया है। पुनरीक्षण का यह कार्य प्रदेश के सभी 1,62,486 बूथों पर एक साथ शुरू किया जाएगा, जो इसमे कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या भी असाधारण है, आपको बता दें की इस अभियान में कुल 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2,042 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी (BLO) कार्यरत हैं। इसके अलावा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की तैनाती की गई है, और मतदेय स्थल पर बूथ लेवल अधिकारी अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।
अभियान के औपचारिक आरंभ से पूर्व ही, सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, और बूथ लेवल अधिकारियों को प्रक्रियाओं के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। SIR अभियान के दौरान, मतदेय स्थलों का सत्यापन भी किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी मतदेय स्थल पर मतदाताओं की संख्या 1200 से अधिक न हो, जिससे मतदान प्रक्रिया सुगम और त्वरित बनी रहे।
आयोग की सख्त टाइमलाइन- 4 नवम्बर से घर-घर डेटा संग्रह और अंतिम तारीखें
निर्वाचन आयोग द्वारा इस विशेष पुनरीक्षण अभियान के लिए एक विस्तृत, चरणबद्ध और समयबद्ध कार्यक्रम जारी किया गया है। समस्त प्रक्रिया को बिना गलती किये सही ढंग से संपन्न करने के लिए एक सख्त अनुसूची का पालन किया जाएगा:-
1) 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक तैयारी, प्रशिक्षण और आवश्यक प्रपत्रों के मुद्रण के कार्य से होगी।
2) बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर गणना प्रपत्रों का वितरण करेंगे और उन्हें मतदाताओं से भरवाकर वापस लेंगे। यह घर-घर संपर्क अभियान ही मतदाता सूची की सटीकता की रीढ़ है।
3) 9 दिसम्बर को आलेख्य मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
4) 9 दिसम्बर से 8 जनवरी तक प्रकाशित सूची पर मतदाताओं से दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। यह अवधि नए नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन के लिए उपलब्ध रहेगी।
5) 31 जनवरी तक प्राप्त हुए सभी दावों और आपत्तियों का निस्तारण पूर्ण कर लिया जाएगा।
6) 7 फरवरी 2026 तक इस संपूर्ण और गहन प्रक्रिया के बाद, राज्य की अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।