22 साल बाद SIR: यूपी में 4 नवंबर से 7 फरवरी 2026 तक चलेगी मतदाता सूची शुद्धिकरण की पूरी प्रक्रिया! पढ़िए पूरी अपडेट
मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 1 जनवरी 2026 की पात्रता तिथि पर मतदाता सूची अपडेट की जाएगी। बीएलओ 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर गणना करेंगे, और 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक दावे-आपत्तियां ली जाएंगी।
बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं और उनकी जानकारी का सत्यापन कर रहे हैं।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का बिगुल बज चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मतदाता सूची को शुद्ध और त्रुटि रहित बनाने के लिए यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 को अंतिम प्रकाशन के साथ समाप्त होगी।
इस अभियान की पात्रता तिथि 1 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र नागरिक मतदान से वंचित न रहे, और फर्जी या डुप्लीकेट नाम हटाए जा सकें। यह अभियान कई जिलों में लगभग 22 साल बाद (पिछली बार 2003 में) चलाया जा रहा है।
SIR प्रक्रिया की पूरी प्रक्रिया और मुख्य तिथिया:-
मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, SIR अभियान की प्रक्रिया इस समय सारिणी के अनुसार संचालित होगी:-
तैयारी और प्रशिक्षण: 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025, बीएलओ और सुपरवाइजरों का प्रशिक्षण तथा गणना प्रपत्रों का मुद्रण कार्य।
घर-घर गणना (Enumeration): 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025, बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करेंगे और जानकारी एकत्र करेंगे। प्रत्येक घर का कम से कम तीन बार दौरा किया जाएगा।
प्रारूप निर्वाचक नामावली का प्रकाशन: 9 दिसंबर 2025, तैयार की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी।
दावे और आपत्तियां: 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक, इस दौरान मतदाता नाम जुड़वाने, हटाने या संशोधन के लिए फॉर्म भर सकेंगे।
दावे-आपत्तियों का निस्तारण: 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियों पर सुनवाई और सत्यापन का कार्य होगा।
अंतिम निर्वाचक नामावली का प्रकाशन: 7 फरवरी 2026 शुद्ध की गई अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
बीएलओ का कार्य और मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
अभियान के तहत, प्रत्येक बूथ लेवल अधिकारी को हर घर का दौरा करना और प्रत्येक मतदाता को गणना प्रपत्र की दो प्रतिया प्रदान करना अनिवार्य है। बीएलओ मतदाताओं को फॉर्म भरने में सहायता भी करेंगे।
बीएलओ द्वारा वितरण: बीएलओ मतदाताओं को आंशिक रूप से भरे हुए (नाम, EPIC नंबर आदि के साथ) गणना प्रपत्र देंगे, जिस पर क्यूआर कोड भी होगा।
मतदाता द्वारा सत्यापन: मतदाताओं को अपनी जानकारी जैसे जन्मतिथि, आधार नंबर (वैकल्पिक), मोबाइल नंबर, और परिवार के सदस्यों का विवरण भरकर और हस्ताक्षर करके फॉर्म की एक प्रति बीएलओ को सौंपनी होगी।
ऑनलाइन सुविधा: मतदाता अपनी जानकारी voters.eci.gov.in पोर्टल पर या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पोर्टल पर भी देख सकते हैं और ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।
चेतावनी: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई वोटर एक से ज़्यादा जगह वोटर है, तो उसे स्वयं अपना नाम हटवाना चाहिए, अन्यथा एक साल तक की सज़ा हो सकती है।
2003 की मतदाता सूची की भूमिका और डिजिटल निगरानी
इस विशेष पुनरीक्षण अभियान में वर्ष 2003 की मतदाता सूची को एक महत्वपूर्ण आधार बनाया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता आयोग के पोर्टल पर 2003 की सूची में अपना नाम या अपने संबंधी का नाम देखकर, उसका विवरण गणना प्रपत्र पर भर सकते हैं।
पुराना डाटा: जिन मतदाताओं का नाम 2003 की सूची में है, उन्हें प्रपत्र भरने में आसानी होगी और वे इसकी एक फोटोकॉपी बीएलओ को दे सकते हैं।
डिजिटल टूल: इस बार आयोग ने प्रक्रिया में डिजिटल निगरानी को बढ़ाया है। एप-आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है ताकि डुप्लीकेट वोटरों को हटाया जा सके और मतदाता सूची में त्रुटियां न्यूनतम हों।
हेल्पलाइन: किसी भी जानकारी या शिकायत के लिए मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 या 1800-180-1950 पर संपर्क कर सकते हैं।
गौतमबुद्ध नगर जिले में 18.65 लाख से अधिक मतदाता शामिल हैं, जिसके लिए 37 लाख से अधिक प्रपत्र मुद्रित किए गए हैं। बहराइच जिले में 22 साल बाद SIR शुरू हो रहा है, जहां 2711 बीएलओ और 2748 सुपरवाइजर लगाए गए हैं।
लखनऊ में बीएलओ का घर-घर दस्तक, मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान शुरू
राजधानी लखनऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आज 4 नवंबर से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का महत्वपूर्ण चरण शुरू हो गया है। इस प्रक्रिया के तहत, बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं और उनकी जानकारी का सत्यापन कर रहे हैं। यह अभियान 4 दिसंबर तक चलेगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी विशाख जी. ने बताया कि मतदाता सूची को त्रुटि रहित और समावेशी बनाने के लिए यह 22 साल बाद शुरू किया गया एक व्यापक अभियान है। लखनऊ में बीएलओ प्रत्येक मतदाता को गणना प्रपत्र की दो प्रतियाँ सौंप रहे हैं, जिसमें मतदाता का नाम, EPIC संख्या और विधानसभा क्षेत्र जैसी कुछ जानकारी पहले से ही दर्ज है।
मतदाताओं को फॉर्म में अपनी जन्म तिथि, आधार संख्या मोबाइल नंबर और परिवार के सदस्यों का विवरण भरकर बीएलओ को सौंपना होगा। इस दौरान बीएलओ मतदाताओं की सहायता भी करेंगे। जिन मतदाताओं का नाम 2003 की मतदाता सूची में है, उनसे उस सूची की प्रति या अपने माता-पिता/दादा का विवरण मांगा जा रहा है ताकि सत्यापन आसान हो सके। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।