राम मंदिर निर्माण पूर्ण: 161 फुट ऊंचे शिखर पर PM मोदी करेंगे धर्म ध्वजारोहण, आम दर्शन 25 नवंबर को बंद!
इस भव्य समारोह में RSS प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। सुरक्षा कारणों से, 25 नवंबर को आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन बंद रहेंगे।
यह पांच दिवसीय समारोह 21 नवंबर से शुरू होगा और 25 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ संपन्न होगा।
अयोध्या : अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अब मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक और भव्य आयोजन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा विशाल भगवा 'धर्म ध्वज' फहराएंगे। यह धार्मिक आयोजन अयोध्या के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ने वाला है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार, इस ऐतिहासिक ध्वजारोहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की भी आने की सम्भावना है।
यह पांच दिवसीय समारोह 21 नवंबर से शुरू होगा और 25 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ संपन्न होगा। इस आयोजन को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तरह ही भव्य और मर्यादित स्वरूप देने की तैयारियां जोरों पर हैं। पूरे आयोजन में देशभर से संत-साधुओं और विशिष्ट अतिथियों सहित लगभग 10,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। यह विशाल ध्वज मंदिर के शिखर पर लगे 42 फुट ऊंचे ध्वज-स्तंभ पर फहराया जाएगा।
25 नवंबर को श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पर प्रतिबंध
हालांकि, इस भव्य समारोह के कारण, 25 नवंबर को आम श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन उपलब्ध नहीं होंगे। प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने और विशिष्ट अतिथियों के आवागमन को सुचारू बनाने के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया है। वहीं, ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि ध्वजारोहण के बाद, श्रद्धालुओं के लिए राम मंदिर परिसर के 70 एकड़ में बने अन्य आठ मंदिरों— जिनमें भगवान शिव, गणेश, सूर्य, हनुमान, माता भगवती और माता अन्नपूर्णा के मंदिर शामिल हैं— के दर्शन भी शुरू हो जाएंगे। इस दौरान राम दरबार की विशेष आरती भी की जाएगी। ट्रस्ट श्रद्धालुओं के लिए दर्शन प्रणाली को और सुलभ बनाने पर भी निरंतर कार्य कर रहा है, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दर्शन पास की प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल है।
ध्वज का विशिष्ट स्वरूप और तकनीकी तैयारी
जिस 'धर्म ध्वज' को फहराया जाना है, वह न केवल अपनी भव्यता में अनूठा होगा, बल्कि तकनीकी रूप से भी मजबूत होगा। यह केसरिया रंग का होगा, जो त्याग, वीरता और धर्म का प्रतीक है। ध्वज पर सूर्यवंश का प्रतीक 'सूर्य', अयोध्या के राजध्वज 'कोविदार वृक्ष' और 'ॐ' (ओंकार) चिह्न अंकित रहेंगे। ध्वज की मजबूती और कपड़े की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसे 60 किमी/घंटा तक के आंधी-तूफान को सहने लायक बनाया जा रहा है। ध्वज तैयार करने वाली एजेंसी 28 अक्टूबर को भवन निर्माण समिति की बैठक में अपनी टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर कपड़े का अंतिम चयन किया जाएगा।
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया की है कि 25 नवंबर तक राम मंदिर के परकोटा और तीनों मंजिलें लगभग पूर्ण हो चुकी होंगी। यह ध्वजारोहण समारोह यह संदेश देगा कि आस्था और प्रतीक्षा का लंबा सपना अब पूरी तरह साकार हो गया है।