चक्रवाती तूफान का खतरा: पूर्वांचल में 29 से 31 अक्टूबर तक गरज-चमक के साथ बारिश का अनुमान, बदलेगा मौसम का मिजाज!
IMD के वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि चक्रवाती प्रणाली के प्रभाव से पूर्वांचल के कई जिलों में 29, 30 और 31 अक्टूबर गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
इस दौरान तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
लखनऊ डेस्क: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बंगाल की खाड़ी में बने एक 'गहन अवदाब' के जल्द ही एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका जताई है। यह आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ रही है, लेकिन इसके प्रभाव से उत्तर प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव आने वाला है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस चक्रवाती तूफान का असर सीधे तौर पर यूपी के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में देखने को मिलेगा। 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। यह मौसमी बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब छठ पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी आज है।
पूर्वांचल में 72 घंटों का अलर्ट, तेज हवाओं के साथ गिर सकता है तापमान
IMD के लखनऊ स्थित कार्यालय के वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि चक्रवाती प्रणाली के प्रभाव से पूर्वांचल के कई जिलों में 29, 30 और 31 अक्टूबर गरज-चमक और तेज हवाओं 30-40 किमी/घंटा के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बादलों की आवाजाही बढ़ेगी और कई स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है।
इस दौरान, दिन और रात के तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे वातावरण में गुलाबी ठंडक महसूस होने लगेगी। पूर्वांचल के साथ-साथ राज्य के कुछ दक्षिणी संभागों में भी इस मौसमी हलचल का असर दिखाई देगा। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम मुख्य रूप से शुष्क बने रहने का अनुमान है।
किसानों और आमजन के लिए मौसम विभाग की विशेष सलाह
मौसम में होने वाले इस बड़े बदलाव को देखते हुए विभाग ने किसानों और आमजन के लिए कुछ जरूरी सलाह जारी की है। किसानों को तैयार फसलों और कटाई के लिए रखी उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखने की सलाह दी गई है। जिन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है, वहा सब्जियों की फसलों की सिंचाई को कुछ समय के लिए टालने की सलाह भी दी गई है।
इसके अलावा, आम जनता को गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए खुले स्थानों और पेड़ों के नीचे रुकने से बचने की हिदायत दी गई है।
आपको बता दें यह समय छठ पूजा के अर्घ्य का भी है, ऐसे में नदी घाटों के आस-पास विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है ताकि मौसम की अचानक करवट से कोई परेशानी न हो। प्रशासन को भी संभावित बारिश और तेज हवाओं के मद्देनजर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।