PM Modi Ayodhya Visit Schedule: 25 नवंबर को कब होगा ध्वजारोहण? जानिए अयोध्या में PM मोदी का पूरा शेड्यूल

25 नवंबर को PM मोदी अयोध्या में सप्त मंदिरों के दर्शन, मां अन्नपूर्णा पूजा और रामलला गर्भगृह में पूजा करेंगे। दोपहर 12 बजे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे।

Updated On 2025-11-24 17:20:00 IST

मोदी का यह दौरा धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय- तीनों स्तरों पर बेहद ऐतिहासिक माना जा रहा है।

अयोध्या : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर 2025 को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की विशेष यात्रा पर पहुंच रहे हैं। वे सुबह सप्त मंदिरों के दर्शन, मां अन्नपूर्णा पूजा और रामलला के गर्भगृह में दर्शन-पूजन करेंगे। 

दोपहर 12 बजे PM मोदी मंदिर के मुख्य शिखर पर 10×20 फीट का भगवा ध्वज फहराएंगे, जो मंदिर निर्माण की पूर्णता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक माना जा रहा है। 

विवाह पंचमी के शुभ योग और गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस के संयोग के कारण यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से और भी खास हो गया है।

मोदी का यह दौरा धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय- तीनों स्तरों पर बेहद ऐतिहासिक माना जा रहा है।

जानिए कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल:- 

सुबह 10 बजे: सप्त ऋषि व देवी-देवताओं के मंदिरों के दर्शन

पीएम मोदी सबसे पहले सप्त मंदिरों में दर्शन करेंगे। इनमें शामिल हैं—

महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह्य और माता शबरी मंदिर। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर के भी दर्शन करेंगे।

सुबह 11 बजे: मां अन्नपूर्णा व रामलला के गर्भगृह में पूजा

करीब 11 बजे प्रधानमंत्री माँ अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद वे राम दरबार व रामलला के गर्भगृह में दर्शन-पूजन करेंगे।

दोपहर 12 बजे: मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज फहराएंगे

12 बजे पीएम मोदी श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 10×20 फीट का विशाल भगवा ध्वज फहराएंगे।

यह ध्वज मंदिर निर्माण की पूर्णता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया गया है। ध्वज पर सूर्य, कोविदारा वृक्ष और ‘ॐ’ अंकित है।

इसके बाद प्रधानमंत्री जनसभा को संबोधित करेंगे।

दिन का विशेष महत्व

यह पूरा आयोजन मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी पर हो रहा है, जो भगवान राम-सीता विवाह का पावन दिवस है।

यही तिथि सिखों के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस से भी जुड़ी है। ऐतिहासिक तथ्य यह भी है कि उन्होंने 17वीं सदी में अयोध्या में 48 घंटे का गहन ध्यान किया था।

इसलिए यह दिन हिंदू व सिख दोनों परंपराओं के लिए अत्यंत पवित्र माना जा रहा है।

मंदिर परिसर की विशेषताएं 

मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण के 87 प्रमुख प्रसंगों की पत्थर पर सूक्ष्म नक्काशी की गई है।

परकोटे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति व विरासत से जुड़े 79 कांस्य मूर्तिचित्र लगाए गए हैं, जो दर्शकों को रामकथा और भारतीय धरोहर का गहन अनुभव कराते हैं।

800 मीटर लंबा परकोटा दक्षिण भारतीय नागर शैली में बना है, जो मंदिर परिसर की स्थापत्य भव्यता को और खास बनाता है।

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