लखनऊ: चीन निर्मित पाउडर से बने 49 लाख के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद!
तस्कर फिनायल मिलाकर ये जहरीले इंजेक्शन बनाते थे और इन्हें 'मिनरल वाटर' कोडवर्ड के तहत डेयरी तथा सब्जी विक्रेताओं को सप्लाई करते थे।
ऑक्सीटोसिन एक हार्मोन है, जिसका चिकित्सकीय कारणों से छोड़कर किसी भी अन्य इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन के अवैध कारोबार का एक बड़ा खुलासा हुआ है। स्पेशल टास्क फोर्स और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर चीन में निर्मित पाउडर से बनाए गए, लगभग 49 लाख के अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शनों का जखीरा बरामद किया है।
इस कार्रवाई में कई तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में पता चला है कि उनका यह जानलेवा नेटवर्क केवल लखनऊ तक ही सीमित नहीं था, बल्कि आसपास के जिलों और अन्य राज्यों तक भी फैला हुआ था।
चीन से पाउडर मंगाकर फिनायल मिलाकर बनते थे जहरीले इंजेक्शन
जांच में सामने आया है कि इस अवैध धंधे को चलाने वाले गिरोह के सदस्य प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने के लिए चीन से पाउडर कूरियर के जरिए मंगाते थे।
पूछताछ में तस्करों ने खुलासा किया कि पाउडर पहले गाजियाबाद के लोनी कटरा आता था और फिर वहा से गैंग के सदस्यों द्वारा लखनऊ लाया जाता था। जब्त इंजेक्शन के निर्माण में फिनायल और सिरके जैसे सस्ते और जहरीले पदार्थों की मिलावट की जा रही थी, ताकि मुनाफा बढ़ाया जा सके। यह मिश्रण जानवरों के साथ-साथ इंसानों की सेहत के लिए भी बेहद खतरनाक है।
यह अवैध ऑक्सीटोसिन दूध बढ़ाने और सब्जियों, फलों को जल्दी बड़ा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था, जो दूध के माध्यम से इंसानों तक पहुचकर स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुचाता है।
अवैध कारोबार का ठिकाना और कोडवर्ड से सप्लाई का तरीका
एसटीएफ की टीमों ने लखनऊ के पारा और ठाकुरगंज जैसे क्षेत्रों में कई ठिकानों पर छापेमारी कर इस अवैध कारोबार का भंडाफोड़ किया है। तस्कर अक्सर बिहार से इस प्रतिबंधित इंजेक्शन की खेप पार्सल या ट्रेन के जरिए मंगाते थे, जिसके लिए वे 'मिनरल वाटर' या 'पानी' जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे, ताकि जांच एजेंसियों को चकमा दिया जा सके।
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि तैयार इंजेक्शन की सप्लाई एजेंटों के माध्यम से डेयरियों, सब्जी विक्रेताओं और किसानों को की जाती थी। यह अवैध वितरण नेटवर्क न केवल उत्तर प्रदेश के कई जिलों में, बल्कि कई अन्य राज्यों तक फैला हुआ था। छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में तैयार इंजेक्शन, पैकिंग मशीन, खाली बोतलें, कैप, और अन्य संबंधित सामग्री बरामद की गई, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 49 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक आंकी गई है।
इंसानों और मवेशियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा था गंभीर खतरा
ऑक्सीटोसिन एक हार्मोन है, जिसका चिकित्सकीय कारणों से छोड़कर किसी भी अन्य इस्तेमाल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसका अनधिकृत उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इस इंजेक्शन के अत्यधिक उपयोग से पशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और उनके प्रजनन तंत्र को नुकसान होता है।
जो व्यक्ति ऐसा दूध या उत्पाद का सेवन करते हैं, उनमें किडनी और हृदय संबंधी गंभीर रोग, हार्मोनल असंतुलन और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।