Ramlala Pran Pratishtha: '500 साल बाद ये क्षण आया', बोले शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती, बताया कब करेंगे रामलला के दर्शन

Ayodhya Ram Temple Pran Pratishtha: राम लला की मूर्ति को गुरुवार को 'जय श्री राम' के उल्लासपूर्ण उद्घोष के बीच राम मंदिर के 'गर्भ गृह' में रखा गया। बुधवार रात को क्रेन की मदद से मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा आयोजित की गई थी।

Updated On 2024-01-20 11:06:00 IST
Shankaracharya Swami Sadanand Saraswati

Ayodhya Ram Temple Pran Pratishtha: प्राण-प्रतिष्ठा, अधूरा मंदिर...आदि-आदि जैसे विवादों के बीच शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सरस्वती ने अयोध्या राम मंदिर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, '22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का क्षण लगभग 400-500 वर्षों के बाद आया है। इतने लंबे समय तक बड़ी लड़ाइयां लड़ी गईं और युद्ध हुए। आक्रमणकारियों ने हमारे धर्म पर हमला किया और हमारे धर्म को बर्बाद करने की कोशिश की। यह क्षण लंबे इंतजार के बाद आया है। 

तो कब दर्शन करने जाएंगे शंकराचार्य?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए देश भर के तमाम साधु संतों और चारों शंकराचार्यों को निमंत्रण दिया है। इसके अलावा राजनेता, फिल्म, उद्योग, खेल जगत के करीब 7 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है। लेकिन शंकराचार्यों ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में जाने से असमर्थता जाहिर की है। हालांकि शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा संतोष का अवसर है। एक संकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने बताया कि वे 2 महीने बाद रामलला के दर्शन को अयोध्या जाएंगे। 

इन शंकराचार्यों ने उठाए थे सवाल
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने प्राण-प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए हैं। कहा कि अधूरे मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा होना शास्त्र सम्मत नहीं है। 

Ayodhya Ram Mandir

उत्साह से भरी है अयोध्या
22 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि पर भगवान श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों को लेकर अयोध्या उत्साह से भरी हुई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में तैयारियों का निरीक्षण किया और कामों पर संतोष जाहिर किया। 

राम लला की मूर्ति को गुरुवार को 'जय श्री राम' के उल्लासपूर्ण उद्घोष के बीच राम मंदिर के 'गर्भ गृह' में रखा गया। बुधवार रात को क्रेन की मदद से मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा आयोजित की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'प्राण प्रतिष्ठा' के उपलक्ष्य में अनुष्ठान करेंगे। जबकि लक्ष्मीकांत दीक्षित और उनकी पुजारियों की एक टीम अनुष्ठान कराएगी। 

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