यूपी के मौसम में बड़ा उलटफेर: चक्रवात मोंथा से यूपी के 50 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट! धान के फसलों पर खतरा

धान की कटाई कर रहे किसानों को सबसे अधिक नुकसान होने की आशंका है, जिसके चलते उन्हें फसलें सुरक्षित करने की सलाह दी गई है।

Updated On 2025-10-28 10:53:00 IST

चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का पूर्वानुमान उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है।

लखनऊ : बंगाल की खाड़ी में उठे शक्तिशाली चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का असर अब उत्तर भारत तक पहुंचने लगा है, जिससे उत्तर प्रदेश के मौसम में बड़ा बदलाव आया है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 50 से अधिक जिलों के लिए अगले तीन दिनों तक बारिश की चेतावनी जारी की है।

यह तूफान मंगलवार शाम या रात में आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराने वाला है, लेकिन इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी दिखना शुरू हो गया है।

राजधानी लखनऊ समेत पूर्वी और बुंदेलखंड के जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे किसानों और आम जनता की चिंताएं बढ़ गई हैं।

पूर्वी और बुंदेलखंड में तेज बारिश का खतरा, लखनऊ में छाए बादल
चक्रवात 'मोंथा' के कारण उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान का असर बुधवार, 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक सबसे अधिक देखने को मिलेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के जिलों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश होने की संभावना है।

अरब सागर से आ रही नमी और बंगाल की खाड़ी के वेदर सिस्टम के मेल से बादलों की सक्रियता तेजी से बढ़ी है। राजधानी लखनऊ और इसके आस-पास के क्षेत्रों में अगले तीन दिनों तक हल्की बूंदाबांदी और बादलों की आवाजाही बनी रहेगी, जिससे दिन में धूप निकलने की संभावना कम है।

विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी गति 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। इस मौसमी बदलाव से अधिकतम तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की तेजी से गिरावट दर्ज की गई है, जिससे राज्य में अचानक ठंड बढ़ गई है।

तापमान में भारी गिरावट और सर्दी ने दी समय से पहले दस्तक
चक्रवात 'मोंथा' के असर से प्रदेश के अधिकतम तापमान में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। कई जिलों में तापमान सामान्य से 5 से 8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया है, जिससे लोगों को समय से पहले ही ठंड का अहसास होने लगा है। आपकी बता दें झांसी,उरई जैसे स्थानों पर अधिकतम तापमान में 9.8°C तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव सर्दी की सामान्य शुरुआत नहीं है, बल्कि चक्रवात के कारण आया एक अस्थिर मौसम है। हालांकि, अगले कुछ दिनों तक तापमान में यह कमी बरकरार रहेगी और प्रदेश के लोगों को तेज हवाओं के साथ बढ़ती ठिठुरन का सामना करना पड़ेगा। 

किसानों की बढ़ी चिंता
चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का पूर्वानुमान उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है। बेमौसम बारिश की आशंका ने उनकी चिंताएं बढ़ा दी हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहा धान की कटाई जोरों पर है।

बुंदेलखंड और पूर्वांचल के किसान सबसे अधिक चिंतित हैं, क्योंकि अगर तैयार फसल बारिश की चपेट में आती है तो उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। धान की फसल पूरी तरह भीगने पर गुणवत्ता और उपज दोनों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी तैयार फसलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाएं। इस बीच, चक्रवात के कारण मौसम की अस्थिरता बनी रहेगी, और अगले 48 घंटों के बाद तापमान में फिर से बढ़ोतरी होने का भी अनुमान है।

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