आस्था का विराट समागम: माघ मेला 2026 की तैयारियां तेज, त्रिवेणी संगम पर गंगा पूजन से शुभ शुरुआत
3 जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले इस 44 दिवसीय मेले में 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।
इस बार 7 अस्थायी पांटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है, ताकि भीड़ का प्रबंधन बेहतर तरीके हो सके।
प्रयागराज : सनातन धर्म के सबसे बड़े वार्षिक धार्मिक आयोजन 'माघ मेला 2026' के लिए प्रयागराज की पवित्र त्रिवेणी नगरी में तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं।
हाल ही में, संगम तट पर वैदिक रीति-रिवाजों के साथ गंगा पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसने मेले के निर्विघ्न और सफल आयोजन का संकल्प लिया।
महाकुंभ 2025 के बाद होने जा रहा यह माघ मेला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसमें लाखों कल्पवासियों और करोड़ों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। प्रशासन ने इस वर्ष लगभग 15 करोड़ से अधिक दर्शनार्थियों की संभावित भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा, स्वच्छता और सुगम आवागमन को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है।
माघ मेला 2026 के प्रमुख स्नान पर्वों का कैलेंडर
माघ मेले का शुभारंभ पौष पूर्णिमा के दिन होता है और इसका समापन महाशिवरात्रि को किया जाता है। यह पर्व लगभग 44 दिनों तक चलता है, जिसके दौरान श्रद्धालु संगम की रेती पर अस्थायी शिविरों में निवास करते हैं और कठोर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
इस वर्ष माघ मेला 2026 की शुरुआत 3 जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा के साथ होगी, जो कल्पवास का भी पहला दिन होता है। इसके बाद, अन्य महत्वपूर्ण स्नान पर्वों में 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 18 जनवरी को मौनी अमावस्या 23 जनवरी को बसंत पंचमी और 1 फरवरी को माघी पूर्णिमा शामिल है।
मेले का समापन 15 फरवरी 2026 को महाशिवरात्रि के साथ होगा। इन तिथियों पर पवित्र स्नान के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाते हैं।
सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता पर प्रशासनिक बल
मेला प्रशासन ने माघ मेला 2026 के लिए एक बहुआयामी रणनीति बनाई है, जिसमें टेक्नोलॉजी और बेहतर प्रबंधन का उपयोग किया जा रहा है। पूरे मेला क्षेत्र को 7 अलग-अलग सेक्टरों में बाँटा गया है, जिसका विस्तार लगभग 800 हेक्टेयर तक किया गया है।
श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सुविधा के लिए इस बार 7 अस्थायी पांटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जो पिछली बार से संख्या में अधिक हैं, ताकि भीड़ का प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सके।
यातायात को सुगम बनाने के लिए शहर के बाहर पार्किंग व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है और आधुनिक भीड़ नियंत्रण तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, स्वच्छता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसके तहत जगह-जगह आधुनिक शौचालयों और कूड़ा प्रबंधन की स्थापना की जाएगी।
पर्यटकों और कल्पवासियों के लिए विशेष व्यवस्था
देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और कल्पवासियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए पर्यटन विभाग ने भी कदम उठाए हैं। पहली बार, मेले में विभिन्न स्थानों पर चार अस्थायी पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
ये सूचना केंद्र चौबीसों घंटे चालू रहेंगे और पर्यटकों को क्षेत्र, आवास, यातायात और स्थानीय आयोजनों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
प्रशासन का उद्देश्य है कि माघ मेला 2026 न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान हो, बल्कि एक सुरक्षित, सुगम, स्वच्छ और भव्य अनुभव भी हो, जो प्रयागराज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को वैश्विक स्तर पर स्थापित कर सके।