रेलवे के साथ बड़ा फ्रॉड: सिल्वर के नाम पर भेज दिए तांबे का मेडल; FIR दर्ज, जानें पूरा मामला

लखनऊ में उत्तर रेलवे के साथ एक बड़ा फर्जीवाड़ा हो गया है। जांच में पता चला है कि सिल्वर मेडल के नाम पर खिलाड़ियों के लिए तांबे के मेडल भेज दिए गए। जानें पूरा मामला।

Updated On 2025-09-05 14:48:00 IST

सिल्वर मेडल के नाम पर खिलाड़ियों को तांबे के मेडल दिए गए।

लखनऊ। लखनऊ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। उत्तर रेलवे ने खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए जो गोल्ड प्लेटेड सिल्वर मेडल बनवाए थे, वह असल में चांदी नहीं बल्कि तांबे के निकले। धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया और इंदौर की एक निजी फर्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

कैसे हुआ धोखाधड़ी का खुलासा?

पूरा मामला तब सामने आया जब उत्तर रेलवे ने खेल प्रतियोगिताओं के लिए 853 गोल्ड प्लेटेड सिल्वर मेडल बनाने का ठेका इंदौर की एक कंपनी को दिया था। इनमें से 553 मेडल अप्रैल में आलमबाग स्थित सामान्य भंडार डिपो में पहुँचाए गए थे। शुरुआत में, मुंबई की एक एजेंसी ने इन मेडलों की गुणवत्ता को सही बताया था। लेकिन, कुछ अधिकारियों को मेडल की गुणवत्ता पर संदेह हुआ।

जांच के बाद हुआ खुलासा

बता दें की रेलवे के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर इन मेडलों की स्थानीय लैब में दोबारा जांच कराई गई। इस जांच में जो सामने आया, वह बेहद चौंकाने वाला था।लैब की रिपोर्ट में पाया गया कि मेडलों में 99.9% चांदी होनी चाहिए थी, लेकिन उनमें सिर्फ 0.01% से 0.02% चांदी ही मिली। बाकी का पूरा मेडल तांबे से बना हुआ था। जांच में यह भी पता चला कि ठेकेदार फर्म ने मुंबई की एजेंसी से एक फर्जी रिपोर्ट तैयार करवाई थी ताकि धोखाधड़ी को छिपाया जा सके।

सख्त कार्रवाई की तैयारी

इस बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया है। आलमबाग थाने में इंदौर की कंपनी और मुंबई की एजेंसी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह घटना रेलवे में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। इन मेडलों को खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मान के रूप में दिया गया था, जिससे अब उनके सम्मान पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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