फर्जी IAS: लखनऊ पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी को पकड़ा, लग्जरी गाड़ियों से ठगी; कई राज्यों में थी तलाश

लखनऊ में वजीरगंज पुलिस ने फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी को गिरफ्तार किया। वह लैंड रोवर डिफेंडर, मर्सिडीज जैसी लग्जरी गाड़ियों से ठगी करता था। जानें उसकी ठगी का तरीका और पुलिस की कार्रवाई।

By :  Desk
Updated On 2025-09-04 19:17:00 IST

लखनऊ की राजधानी में एक सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश हुआ है। वजीरगंज थाना पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक फर्जी IAS अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान सौरभ त्रिपाठी के रूप में हुई, जो मूल रूप से मऊ जिले का रहने वाला है। यह शख्स कई सालों से खुद को उच्च-स्तरीय सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को ठग रहा था।

ठगी का तरीका: लग्जरी गाड़ियों और फर्जी दस्तावेजों का खेल

पुलिस के अनुसार, सौरभ त्रिपाठी अपनी पहचान को विश्वसनीय बनाने के लिए लैंड रोवर डिफेंडर, मर्सिडीज, और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था। इन गाड़ियों पर फर्जी सरकारी पास और नीली बत्ती लगी होती थी, जो उसे एक असली अधिकारी का रुतबा देती थी। वह इन गाड़ियों के काफिले के साथ सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होता और लोगों को प्रभावित करता था।

सौरभ ने फर्जी आईडी कार्ड और नकली सरकारी दस्तावेज तैयार किए थे, जिनका उपयोग वह ठगी के लिए करता था। वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय था और @Saurabh_IAAS नाम से अकाउंट चलाता था, जिसमें खुद को IAS अधिकारी बताता था।

कैसे फंसाता था लोगों को?

सौरभ त्रिपाठी का ठगी का तरीका बेहद शातिराना था। वह बड़े सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तस्वीरें खिंचवाता था। इन तस्वीरों का इस्तेमाल वह लोगों को प्रभावित करने और उनसे नौकरी दिलाने या सरकारी काम करवाने के बहाने पैसे ऐंठने के लिए करता था। वह अक्सर अधिकारियों को धमकाता था कि वह मुख्यमंत्री तक बात पहुंचा सकता है, जिससे कई लोग उसके झांसे में आ जाते थे।

पुलिस ने उसके पास से छह लग्जरी गाड़ियां, फर्जी दस्तावेज, और नीली बत्तियां बरामद की हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सौरभ ने उत्तराखंड, बिहार, और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी फर्जी पहचान के दम पर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया और लोगों से ठगी की।

सौरभ त्रिपाठी का बैकग्राउंड और जालसाजी की शुरुआत

जांच में पता चला कि सौरभ त्रिपाठी ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की थी और दिल्ली में एक एनजीओ के साथ काम किया। सरकारी विभागों में उसका आना-जाना था, जहां से उसने फर्जी IAS बनने की योजना बनाई। उसने दो बार UPSC परीक्षा दी, लेकिन असफल रहा। इसके बाद उसने फर्जी पहचान बनाकर ठगी का रास्ता चुना।

वह लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में शालीमार वन वर्ल्ड बिल्डिंग में और नोएडा सेक्टर 35 में एक आलीशान आवास में रहता था। उसने अपने व्यवहार और तौर-तरीकों को इस तरह ढाला था कि लोग उसे असली अधिकारी समझते थे।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

लखनऊ पुलिस ने सौरभ त्रिपाठी को कारगिल शहीद पार्क के पास चेकिंग के दौरान पकड़ा। जब पुलिस ने उसकी गाड़ी रोकी, तो उसने खुद को IAS बताकर रौब झाड़ने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस को उसकी गाड़ी में लगी लाल-नीली बत्ती और फर्जी दस्तावेजों पर शक हुआ, जिसके बाद उसकी पोल खुल गई।

पुलिस उपायुक्त पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के अनुसार, सौरभ के खिलाफ कई राज्यों में ठगी और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। पुलिस अब उसके नेटवर्क की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने कितने लोगों को ठगा और क्या उसके साथ अन्य लोग भी शामिल थे।

यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?

यह मामला दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग सरकारी पहचान का दुरुपयोग करके समाज में अपराध को अंजाम देते हैं। सौरभ त्रिपाठी जैसे जालसाज न केवल आम लोगों को ठगते हैं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था को भी चुनौती देते हैं। लखनऊ पुलिस की सतर्कता ने इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया, जो अन्य राज्यों के लिए भी एक सबक है।

सौरभ त्रिपाठी से जुड़े कुछ चौंकाने वाले तथ्य

  • लग्जरी गाड़ियां: उसके पास लैंड रोवर डिफेंडर (कीमत 97 लाख से 2.79 करोड़) और टोयोटा फॉर्च्यूनर (36-52 लाख) जैसी गाड़ियां थीं।
  • सोशल मीडिया का दुरुपयोग: वह @Saurabh_IAAS
  • अकाउंट पर फर्जी IAS के रूप में सक्रिय था।
  • फर्जी बॉडीगार्ड: वह अपने साथ वर्दी में फर्जी बॉडीगार्ड रखता था ताकि लोग उसे असली अधिकारी समझें।
  • कई राज्यों में ठगी: उत्तराखंड, बिहार, और मध्यप्रदेश में उसने सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया।

-हरिभूमि लख़नऊ ब्यूरो की रिपोर्ट 

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