लखनऊ में 'पोस्टर-वॉर' का तड़का: 'आई लव योगी' के जवाब में लगे 'आई लव अखिलेश' और 'आई लव PDA' के होर्डिंग्स!

आई लव योगी' के होर्डिंग्स के जवाब में अखिलेश समर्थकों ने लगाए 'आई लव अखिलेश यादव' और 'आई लव PDA' के बैनर लगाकर सियासी पारा गरमा दिया।

Updated On 2025-09-28 11:03:00 IST

आई लव योगी आदित्यनाथ' के बाद अब सपा नेताओं ने 'आई लव अखिलेश यादव' और 'आई लव PDA' के बैनर लगाकर पलटवार किया है।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ इस समय सियासी होर्डिंग वॉर का अखाड़ा बन गई है, जहां समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक-दूसरे को पोस्टर के ज़रिए जवाब दे रहे हैं। पहले बीजेपी नेताओं ने 'आई लव योगी आदित्यनाथ' और 'आई लव बुलडोजर' के होर्डिंग्स लगाए, जिसके जवाब में अब सपा नेताओं ने 'आई लव अखिलेश यादव' और 'आई लव PDA' के बैनर लगाकर पलटवार किया है। यह 'पोस्टर-वॉर' राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

'आई लव योगी' से शुरू हुआ पोस्टर-युद्ध

इस राजनीतिक होर्डिंगबाजी की शुरुआत शनिवार को हुई, जब भाजपा से जुड़े नेताओं ने लखनऊ की सड़कों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए। इन होर्डिंग्स पर 'आई लव योगी आदित्यनाथ' के साथ-साथ 'आई लव बुलडोजर' जैसे नारे लिखे गए थे, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त छवि और प्रशासन की कार्रवाई को दर्शाते हैं। इन पोस्टरों ने पूरे दिन राजनीतिक चर्चाओं को गरमाए रखा।

सपा का जवाब: 'आई लव अखिलेश' और 'PDA'

रविवार सुबह तक, इस होर्डिंग वॉर में समाजवादी पार्टी की एंट्री हो गई। बीजेपी के पोस्टरों के तुरंत बाद, लखनऊ के प्रमुख स्थानों पर सपा नेताओं द्वारा लगाए गए होर्डिंग्स दिखाई दिए। सपा के इन पोस्टरों पर 'आई लव अखिलेश यादव', 'आई लव पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) और 'आई लव शिक्षा, विकास, रोजगार' जैसे संदेश लिखे गए हैं। यह सीधे तौर पर भाजपा के पोस्टरों का जवाब माना जा रहा है। सपा ने इन स्लोगनों के ज़रिए अपनी राजनीति के मुख्य आधार PDA और अपने शासनकाल के प्राथमिकताओं को उजागर किया है।

पोस्टर के पीछे कौन?

सपा के समर्थन में ये होर्डिंग्स लगाने वालों में सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव विवेक सिंह यादव और सपा के पूर्व प्रदेश सचिव अबनींद्र यादव का नाम लिखा है। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल अब अपने संदेश को जनता तक पहुँचाने के लिए होर्डिंग्स और पोस्टर को एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे यह 'सियासी युद्ध और भी दिलचस्प हो गया है।

पोस्टर-पॉलिटिक्स' बनी सियासी ट्रेंड

पिछले कुछ समय से, राजनीतिक पार्टियों के बीच पोस्टर और होर्डिंग्स के माध्यम से एक-दूसरे पर निशाना साधने का तरीका एक नया राजनीतिक ट्रेंड बन गया है। चुनावी रैलियों और बयानों के साथ-साथ, अब सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए ये बैनर भी विपक्ष पर हमला करने और अपनी बात को दमदार तरीके से रखने का मंच बन गए हैं। 

आई लव मोहम्मद' विवाद से मिली चिंगारी

इस पूरे 'होर्डिंग वॉर' की जड़ में 9 सितंबर को कानपुर में शुरू हुआ 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद है। बारावफात जुलूस के दौरान सार्वजनिक मार्ग पर ये पोस्टर लगाए गए थे, जिस पर पुलिस ने नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले ने जल्द ही तूल पकड़ लिया। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे अपराध न बताते हुए अपना समर्थन दिया। यह विवाद धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड और कर्नाटक तक फैल गया, जहां विरोध और पुलिसिया सख्ती देखने को मिली। इसी विवाद की गरमाहट के बीच भाजपा ने 'आई लव योगी आदित्यनाथ' के होर्डिंग्स लगाकर माहौल को और गर्मा दिया, जिसके तुरंत बाद सपा ने भी अपने होर्डिंग्स लगाकर राजनीतिक जंग को मैदान पर उतार दिया।

2027 के विधानसभा चुनाव का बिगुल का संकेत

​पोस्टर के माध्यम से एक-दूसरे को बल्कि यह आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक बड़ा संकेत है। दोनों पार्टियाँ एक-दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं और जमीनी स्तर के साथ-साथ प्रचार के मोर्चे पर भी मुकाबला कड़ा रहेगा। पोस्टर-वॉर की शुरुआत अमूमन चुनावों से पहले ही होती है, और इस तरह की आक्रामक शुरुआत यह बताती है कि राजनीतिक तापमान अभी से काफी बढ़ गया है। यह 'पोस्टर-पॉलिटिक्स' राजनीतिक संवाद को सड़क पर ले आई है, जहाँ हर पोस्टर एक जवाब है और हर जवाब एक नए सवाल को जन्म देता है। हालिया समय में हुई यह एक्टिविटी दिखाती है कि पारंपरिक होर्डिंग्स का महत्व बना हुआ है, क्योंकि ये सीधे लाखों लोगों तक पहुँचते हैं और स्थानीय माहौल को तुरंत गर्मा देते हैं।

Tags:    

Similar News