वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम का भुगतान लटका: प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत ने CM को लिखा पत्र; संस्कृति विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप

प्राचीन लेटे हुए हनुमान जी मंदिर के महंत डॉ विवेक तांगड़ी ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर संस्कृति विभाग पर वाल्मीकि जयंती कार्यक्रम के 11,000 के भुगतान में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है।

Updated On 2025-12-04 09:00:00 IST

महंत विवेक टांगड़ी ने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक कार्यों में भुगतान की अवेहलना पाप-तुल्य है।

लखनऊ : लखनऊ के प्राचीन श्री लेटे हुए हनुमान जी मंदिर के मुख्य महंत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक शिकायत पत्र लिखकर संस्कृति विभाग के अधिकारियों पर सरकारी कार्यक्रम के भुगतान में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है।

महंत का कहना है कि वाल्मीकि जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का भुगतान 11,000 रुपये का वादा किए जाने के बावजूद, आज दिनांक 03 दिसंबर तक नहीं किया गया है। कलाकारों के दबाव और अधिकारियों की टालमटोल से परेशान महंत ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल दंडित कर कार्यक्रम का ऑडिट कराया जाए, ताकि सरकार की छवि धूमिल होने से बच सके।

टारगेट पूरा करने के लिए अधिकारियों ने किया था अनुरोध

मामला 06 अक्टूबर का है, जब महंत को संस्कृति विभाग से फोन आया। विभाग ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी मंदिरों में भजन, सत्संग और रामायण पाठ आयोजित करने की योजना बताई।

समय की अल्पता के कारण महंत ने पहले मना कर दिया था। इसके बाद, सहायक निदेशक संस्कृति विभाग, श्रीमती रेणु रंगभारती ने स्वयं अनुरोध किया। उन्होंने कार्यक्रम को विभाग का टारगेट पूरा करने के लिए आवश्यक बताया और तत्काल 11,000 का भुगतान कराने का आश्वासन देकर कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया।

इस आश्वासन पर, महंत ने बमुश्किल रातोंरात कलाकारों को तैयार करके 07 अक्टूबर को कार्यक्रम संपन्न कराया, जिसकी तस्वीरें भी विभाग के कर्मचारियों ने आकर ली थीं।

एक माह बाद शुरू हुई टालमटोल, मार्च तक भुगतान का दिया हवाला

कार्यक्रम होने के लगभग एक माह बाद भी जब भुगतान नहीं हुआ, तो कलाकारों के दबाव के चलते महंत ने विभाग के संपर्क नंबर पर पुनः फोन किया। उन्हें बताया गया कि अभी विभाग से पैसा नहीं आया है और इसमें काफी समय लगेगा। फोन पर यह भी बताया गया कि सरकारी कर्मचारी का स्वयं का पैसा भी इस प्रक्रिया में फंसा हुआ है।

दिनांक 03 दिसंबर को पुनः संपर्क करने पर महंत को बताया गया कि भुगतान होने में अभी और समय है, और यह संभवतः मार्च तक ही हो पाएगा। इस विलंब और अनिश्चितता से मंदिर प्रशासन और कलाकारों में गहरा रोष है।

भ्रष्ट अधिकारियों पर मुख्यमंत्री की छवि बिगाड़ने का गंभीर आरोप

महंत विवेक टांगड़ी ने अपने पत्र में स्पष्ट आरोप लगाया है कि इस प्रकार के धार्मिक कार्यों में भुगतान की अवेहलना पाप-तुल्य है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सरकार द्वारा भुगतान कर दिया गया होगा, लेकिन ये भ्रष्ट अधिकारी सुनियोजित रूप से भुगतान न करके सरकार की और यशस्वी मुख्यमंत्री की छवि बिगाड़ने का संपूर्ण प्रयास कर रहे हैं।

महंत ने यह भी बताया कि उनके पास कार्यक्रम की तस्वीरें और कॉल रिकॉर्डिंग जैसे सबूत भी मौजूद हैं, जो अधिकारियों की लापरवाही को सिद्ध करते हैं।

अधिकारियों को निलंबित कर ऑडिट कराने की मुख्यमंत्री से मांग

शिकायत पत्र के अंत में, महंत ने मुख्यमंत्री से कड़ा एक्शन लेने की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करके दंडित किया जाए, और इस सम्पूर्ण कार्यक्रम तथा भुगतान प्रक्रिया का ऑडिट करवाया जाए।

महंत ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत करने का प्रयास किया, लेकिन पोर्टल में संस्कृति विभाग की शिकायत पंजीकृत नहीं हो रही है क्योंकि उसमें संदर्भ श्रेणी नहीं दी गई है, जिसे उन्होंने अधिकारियों की सुनियोजित मिलीभगत का एक और प्रमाण बताया है।

Tags:    

Similar News