राम मंदिर: स्वर्ण शिखर पर 25 नवंबर को होगा ध्वजारोहण, 8 से 10 हज़ार अतिथि होंगे शामिल
राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर 25 नवंबर 2025 को ध्वजारोहण होगा। इस समारोह में 8 से 10 हज़ार अतिथि शामिल होंगे, जिनमें अयोध्या और पड़ोसी ज़िलों को प्रमुखता दी जाएगी।
राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर 25 नवंबर 2025 को ध्वजारोहण होगा।
अयोध्या धाम : अयोध्या में बन रहे श्री रामजन्मभूमि मंदिर के 161 फीट ऊंचे सोने के शिखर पर 25 नवंबर 2025 को एक ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह आयोजित किया जाएगा। मंदिर निर्माण समिति की हाल ही में हुई बैठक में इस उत्सव की पूरी रूपरेखा तय कर ली गई है। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि समारोह की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं।
10 हज़ार मेहमानों को न्योता और पड़ोसी ज़िलों को प्राथमिकता
ध्वजारोहण समारोह में लगभग आठ से दस हज़ार लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। यह उत्सव पूरी तरह अयोध्या और आसपास के पड़ोसी ज़िलों पर केंद्रित रहेगा। स्थानीय लोगों को आमंत्रण में सबसे ज़्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। शुरुआती योजना के अनुसार, मेहमानों की लिस्ट में 3000 अतिथि सिर्फ अयोध्या ज़िले के ही होंगे।
अतिथियों के बैठने के लिए परकोटा की छत पर खास व्यवस्था
इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बैठाने के लिए विशेष इंतज़ाम किए जा रहे हैं। अतिथियों के बैठने की व्यवस्था संभवतः परकोटा (मंदिर के चारों ओर की चारदीवारी) की छत पर की जाएगी। चूँकि छत पर एक साथ हज़ारों लोगों का भार होगा, इसलिए इसकी स्थिरता और सुरक्षा जाँचने के लिए रुड़की की एक विशेषज्ञ संस्था अध्ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी।bयह भार किस तरह से नियंत्रित हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
रात में भव्यता के लिए पूरे परिसर में होगी लीनियर लाइटिंग
ध्वजारोहण समारोह के साथ ही राम मंदिर की लंबे समय से प्रतीक्षित फसाड लाइटिंग का भी उद्घाटन होगा। अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के अनुसार, न केवल राम मंदिर बल्कि संपूर्ण परकोटा भी लीनियर लाइटिंग से रोशन रहेगा। इस ख़ास लाइटिंग से मंदिर और परकोटे को रात के समय भी बेहद बारीकी से देखा जा सकेगा। हालाँकि, लाइटिंग का पूरा काम ख़त्म होने में तीन महीने लग सकते हैं, लेकिन 25 नवंबर के समारोह में इसकी ख़ूबसूरत झलक ज़रूर देखने को मिलेगी।
चार किलोमीटर लंबी दीवार और प्रवेश द्वारों का निर्माण
रामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा के लिए लगभग चार किलोमीटर लंबी दीवार बनाई जा रही है। इस दीवार में चार प्रवेश द्वार होंगे। इनमें से दक्षिण और उत्तर के दो द्वार 15 अक्टूबर तक बनकर तैयार हो जाएंगे। पूर्वी द्वार पहले से ही बना हुआ है। दक्षिणी द्वार के बाद क्षीरेश्वरनाथ के सामने प्रस्तावित चौथे द्वार का निर्माण शुरू होगा। इसके अलावा, परिसर के रामकथा संग्रहालय की सभी 20 गैलरियों को उन्नत बनाने के लिए आईआईटी चेन्नई से तकनीकी मदद ली जा रही है।
सादगीपूर्ण और 'राममय' होगा 75 एकड़ का पूरा परिसर
मंदिर निर्माण समिति का उद्देश्य है कि 75 एकड़ का संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर हमेशा भगवान राम की भक्ति में लीन रहे। इसलिए, परिसर में बनी पंचवटी सहित अन्य हरियाली वाली जगहें किसी आम पिकनिक स्पॉट की तरह नहीं होंगी। इन्हें सादगीपूर्ण रखा जाएगा ताकि पूरा वातावरण आध्यात्मिकता का अनुभव कराए। इस बात पर भी काम चल रहा है कि ध्वजारोहण के बाद जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए परिसर के सभी पूरक मंदिर (जैसे कुबेर टीला और राम दरबार) दर्शन के लिए खोल दिए जाएं।
निर्माण कार्य अंतिम चरण में
रामजन्मभूमि परिसर का निर्माण तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। परिसर की चार किलोमीटर लंबी दीवार में चार प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं। इनमें से दक्षिण और उत्तर के दो द्वार 15 अक्टूबर तक तैयार हो जाएंगे। परिसर के चारों ओर हरियाली का काम भी ज़ोरों पर है। 70 एकड़ परिसर में से 70 प्रतिशत क्षेत्र में हरियाली विकसित की जा चुकी है, और शेष काम 31 अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, 10 एकड़ में फैली पंचवटी भी अक्टूबर के अंत तक तैयार हो जाएगी। यह भी तय हुआ है कि राम मंदिर परिसर के सभी छह उप-मंदिर (छोटे मंदिर) और परिक्रमा मार्ग अक्टूबर के अंत तक श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे, जिससे वे ध्वजारोहण से पहले ही पूरे परिसर का भ्रमण कर सकें।