फर्रुखाबाद धमाका: मौलाना तौकीर रजा की जेल से 1500 मीटर दूर "मिस्ट्री ब्लास्ट", दुर्घटना या कोई सुनियोजित साजिश?

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से महज 1500 मीटर की दूरी पर एक कोचिंग सेंटर के बाहर हुए भीषण विस्फोट ने सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया है।

Updated On 2025-10-05 08:21:00 IST

लखनऊ से गई एटीएस की टीम अब पूरी घटना की हर एंगल से गहन जांच कर रही है।

फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से महज 1500 मीटर की दूरी पर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बाहर हुए भीषण विस्फोट ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। यह विस्फोट इतना भयानक था कि इसकी गूँज लगभग एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। इस दर्दनाक हादसे में दो छात्रों की मौत हो गई है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। घटनास्थल की संवेदनशीलता को देखते हुए, लखनऊ से आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है और विस्फोट के आतंकी कनेक्शन की आशंका की गहराई से जांच कर रही है।

फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से इतनी कम दूरी पर हुए इस धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। इसी सेंट्रल जेल में हाल ही में बरेली दंगे के आरोपी और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को भी कड़ी सुरक्षा के बीच बंद किया गया है, जिसके कारण यह घटना और भी ज्यादा संदिग्ध हो गई है।

दिल दहला देने वाला मंजर

विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि घटनास्थल पर दिल दहला देने वाला मंजर दिखाई दिया। खबरों के अनुसार, मारे गए दो छात्रों के शवों के चीथड़े दूर-दूर तक बिखर गए। आसपास खून और मांस के लोथड़े फैल गए। जिस कोचिंग सेंटर 'द सन क्लासेस लाइब्रेरी' के बाहर यह धमाका हुआ, उसका पूरा ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। पक्की दीवारें और स्लैब 50 मीटर दूर जा गिरे, जबकि एक लोहे की जाली 150 मीटर दूर एक गड्ढे में मिली। कोचिंग सेंटर के बाहर खड़ी मोटरसाइकिलें, स्कूटी और साइकिलें भी धमाके की चपेट में आकर 50 मीटर दूर तक हवा में उछलकर गिरीं। धमाके के बाद इलाके में बारूद जैसी गंध फैल गई, जिसने लोगों में भारी दहशत पैदा कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर उस वक्त कोचिंग सेंटर में छात्रों की संख्या ज्यादा होती तो हताहतों का आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता था।

ATS टीम ने संभाला मोर्चा

घटनास्थल फतेहगढ़ सेंट्रल जेल से मात्र 1500 मीटर की दूरी पर है, जहां मौलाना तौकीर रजा जैसे हाई-प्रोफाइल और अन्य खूंखार कैदी बंद हैं। इस संवेदनशील स्थान पर विस्फोट होने के कारण आतंकी कनेक्शन की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। शनिवार देर शाम लखनऊ से एटीएस की तीन सदस्यीय टीम मौके पर पहुंच घटनास्थल का गहन जायजा लिया गया।

एटीएस की टीम ने डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती घायल छात्रों से भी पूछताछ की और उनके बयानों की वीडियोग्राफी की, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस पहलू पर गंभीरता से जांच कर रही हैं कि कहीं इस विस्फोट का संबंध जेल में बंद मौलाना तौकीर रजा या अन्य कैदियों से तो नहीं है। मौलाना रजा को हाल ही में बरेली हिंसा के आरोप में इसी हाई-सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया गया है।

शोभायात्रा से महज 5 मिनट का फासला

धमाका होने से ठीक पाँच मिनट पहले कोचिंग सेंटर के सामने से बाबा श्याम की एक बड़ी शोभायात्रा गुजरी थी। इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पुलिसकर्मी मौजूद थे। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि शोभायात्रा गुजरने के समय धमाका होता, तो जनहानि बहुत अधिक होती और स्थिति भयावह हो सकती थी।

विस्फोट का कारण- बारूद या मीथेन?

धमाके के कारणों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, मौके से उठी बारूद जैसी दुर्गंध अवैध रूप से पटाखा भंडारण की ओर इशारा कर रही है। वहीं, कुछ अधिकारी कोचिंग सेंटर के सेप्टिक टैंक में मीथेन गैस के रिसाव को भी विस्फोट की संभावित वजह मान रहे हैं। सही कारण का पता एटीएस और फॉरेंसिक टीम की विस्तृत जांच के बाद ही चल पाएगा।

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