अब्बास अंसारी को बड़ी राहत: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सजा पर लगाई रोक, विधायक सदस्यता बहाल
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्बास अंसारी की दो साल की सजा पर रोक लगाई और उनकी विधायक सदस्यता बहाल। मऊ सीट पर उपचुनाव रद्द हो सकता है।
Abbas Ansari membership restored
Abbas Ansari Membership Restored: गैंगेस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे और SBSP विधायक अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार, 20 अगस्त को उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल किए जाने आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने जून 2025 में भड़काऊ भाषण के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी।
सीनियर अधिवक्ता भूपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अब्बास अंसारी की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। इसके जवाब में, उन्होंने सत्र न्यायालय में अपील दायर की, जिसने उन्हें जमानत तो दे दी, लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई, जिससे उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाई। इसके बाद, वह उच्च न्यायालय गए, जिसने आज सजा पर रोक लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप उनकी सदस्यता बहाल हो गई।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (न्यायमूर्ति समीर जैन) ने अब्बास अंसारी की सजा पर रोक लगाई है। इससे उनकी विधायक सदस्यता बहाल हो गई है। अदालत ने कहा, लोवर कोर्ट के फैसले में प्रक्रियात्मक त्रुटियाँ और साक्ष्य संबंधी कमी हैं। लिहाजा, अंसारी की सजा बरकरार नहीं रखी जा सकती।
एमपी-एमएलए कोर्ट में दोषी करार
मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मई 2025 में अब्बास को IPC की धारा 153A और 189 के तहत दोषी करार दिया था। साथ ही दो वर्ष की कैद की सजा सुनाया था। जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी। अब्बास ने इस एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को सत्र न्यायालय में चैलेंज किया, लेकिन वहां उनकी अपील खारिज कर दी गई। फिर उन्होंने हाई कोर्ट में रिविजन याचिका दायर की।