वित्तीय क्रांति का नेतृत्व: UP में खुले 9.93 करोड़ जनधन खाते, वित्तीय समावेशन में उत्तर प्रदेश नंबर वन!
जून 2025 तक, 93.03% खातों को आधार से जोड़ा जा चुका है, जिसने DBT और सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया है।
राज्य के जनधन खातों में औसतन 5,804 रुपए जमा हैं, जो राष्ट्रीय औसत 4,723 रुपए प्रति खाता से अधिक है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'प्रधानमंत्री जनधन योजना' के कार्यान्वयन में देश के सभी राज्यों को पछाड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। राज्य में अब तक 9.93 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं, जो देश भर में खोले गए कुल 56.21 करोड़ जनधन खातों का लगभग 17.66% है। जून 2025 तक, 93.03% जनधन खातों को आधार से सफलतापूर्वक जोड़ा जा चुका है, जिससे सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और लीकेज-फ्री डिलीवरी सुनिश्चित हुई है। इस मजबूत आधारभूत संरचना के चलते ही उत्तर प्रदेश वित्तीय समावेशन में देश का नेतृत्व कर रहा है।
जमा औसत में राष्ट्रीय रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश की सफलता का एक और महत्वपूर्ण पहलू इन खातों में जमा औसत राशि है। राज्य के जनधन खातों में औसतन 5,804 रुपए जमा हैं, जो राष्ट्रीय औसत 4,723 रुपए प्रति खाता से काफी अधिक है। यह उच्च औसत जमा राशि न केवल खाताधारकों के बीच बचत की बढ़ती आदत को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जनधन खाते अब सक्रिय रूप से उपयोग किए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक, प्रदेश के जनधन खातों में 53,340 करोड़ रुपए की राशि जमा हो चुकी थी। यह धनराशि प्रदेश की ग्रामीण और वंचित आबादी की बढ़ती आर्थिक शक्ति का प्रमाण है।
महिला भागीदारी से सशक्तिकरण
जनधन योजना उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का एक प्रमुख माध्यम बनी है। प्रदेश में खोले गए 9.93 करोड़ खातों में से 5.28 करोड़ खाते महिलाओं के नाम पर हैं। यह आंकड़ा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक मुख्यधारा में लाने के राज्य के प्रयासों की सफलता को बताता है।
रुपे कार्ड वितरण और आगे की राह
उत्तर प्रदेश ने जनधन खातों के साथ रुपे कार्ड वितरित करने में भी देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। ये कार्ड खाताधारकों को डिजिटल लेनदेन और एटीएम की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे वे डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन पाते हैं। 93.03% खातों का आधार से जुड़ना (आधार सीडिंग) 'जन-धन, आधार और मोबाइल' (JAM) ट्रिनिटी को सफलतापूर्वक लागू करने का एक बेहतरीन उदाहरण है।