कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं पर सुप्रीम कोर्ट सख्त: राजस्थान सरकार से मांगा जवाब
स्टूडेंट सुसाइड के बढ़ते मामलों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोटा (राजस्थान) में हो रही घटनाओं को गंभीर चिंता का विषय बताया गया।
सुप्रीम कोर्ट
Rajasthan: स्टूडेंट सुसाइड के बढ़ते मामलों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोटा (राजस्थान) में हो रही घटनाओं को गंभीर चिंता का विषय बताया गया। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की खंडपीठ ने राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कड़ी टिप्पणी की।
बता दें, कोटा में इस साल अब तक 14 से अधिक छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने राज्य सरकार से सवाल किया कि एक राज्य के रूप में आप क्या कर रहे हैं? छात्र आत्महत्या के लिए कोटा को ही क्यों चुनते हैं? क्या आपने कभी गहराई से इस पर विचार किया?
कोर्ट ने जवाब प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
बीते कुछ दिनों पहले IIT खड़गपुर के एक छात्र के सुसाइड का मामला और कोटा में एक छात्रा का शव मिलने को लेकर शुक्रवार को कोर्ट सुनवाई कर रही थी। इस दौरान कोर्ट ने राजस्थान सरकार को इन घटनाओं के संदर्भ में विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
14 जुलाई 2025 को होगी सुनवाई
कोर्ट ने यह भी कहा कि छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर राज्य की जिम्मेदारी तय की जाएगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई को लेकर 14 जुलाई 2025 की तारीख तय की है। सुनवाई में कोर्ट मानसिक स्वास्थ्य, कोचिंग संस्कृति और सरकारी जिम्मेदारी पर सवाल कर सकती है।
देश का कोचिंग हब है कोटा
दरअसल, राजस्थान का कोटा देश का सबसे बड़ा कोचिंग हब माना जाता है, जहां हर वर्ष लाखों छात्र IIT-JEE, NEET जैसे प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। लेकिन यहां बीते कुछ सालों में आत्महत्या के मामले बहुत बढ़े हैं। अत्यधिक दबाव, अकेलापन और असफलता का भय छात्रों को मानसिक रूप से प्रभावित कर रहा है।