राजस्थान के 4000 पेट्रोल पंप बंद: जयपुर से कोटा तक डीजल-पेट्रोल और बसों का संकट, हड़ताल 12 मार्च तक

Petrol pump operators strike: राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन का दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान। डीजल-पेट्रोल व बसों के लिए परेशान हो रहे लोग

Updated On 2024-03-10 12:02:00 IST
Petrol pump operators strike in Rajashthan

Petrol pump operators strike: राजस्थान में वैट कम करने की मांग को लेकर प्रदेश के तकरीबन 4 हजार पेट्रोल पंप बंद पड़े हैं। कोटा से जयपुर तक पूरे राजस्थान में लोग परेशान हैं। डीजल-पेट्रोल के साथ ही यात्री बसों के लिए उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। जयपुर में सुबह 6 बजे से ही कई लोग भटकते नजर आए। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने दो दिवसीय हड़ताल आह्वान किया है। यानी 12 मार्च की सुबह 6 बजे तक समस्या बरकरार रहेगी। 

काम नहीं है...पता होता तो शाम को ही पेट्रोल डलवा लेता
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन ने हड़ताल की सूचना सार्वजनिक की थी। लिहाजा, कुछ लोगों ने तीन दिन के लिए डीजल पेट्रोल स्टॉक कर लिया है। लेकिन टीवी-अखबार और सोशल मीडिया से दूर रहने वाले ज्यादातर लोगों काे इसकी जानकारी नहीं लग पाई, जिस कारण वह परेशान हो रह हैं। ऑटो चालक बनवारी लाल प्रजापत ने बताया कि बहुत परेशानी हो रही है। आज न डीजल पेट्रोल मिल पा रहा है और न सवारी मिल रही। कुछ काम ही नहीं हो पाएगा। हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं थी। अगर पता होता तो मैं शाम को ही डीजल डलवा लेता।

हड़ताल गलत है, जल्द से जल्द खत्म होनी चाहिए
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की दो दिवसीय हड़ताल से जयपुर में ईंधन पंप वीरान पड़े हैं। बाइक लेकर पेट्रोल की तलाश में भटक रहे एक युवक ने बताया कि मैं 4-5 किमी दूर से आ रहा हूं। गाड़ी का पेट्रोल खत्म होने वाला है। 3-4 पेट्रोल पंप गया, सब बंद पड़े हैं। हड़ताल गलत है। जल्द से जल्द यह खत्म होनी चाहिए। हड़ताल से हम लोगों बहुत परेशानी हो रही है। हड़ताल सुबह 6 बजे शुरू हुई है। 12 मार्च सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी। 

पेट्रोल पंप संचालकों की मांग 
राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन का कहना है कि हड़ताल की सूचना शासन-प्रशासन को भी दी गई थी। राजस्थान सरकार प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के बाद भी पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं कर रही। तेल कंपनियों ने सात साल से डीलर कमीशन नहीं बढ़ाया। ल्यूब आयल एवं प्रीमियम उत्पादों की जबरन आपूर्ति की जाती है, जबकि डिमांड नहीं है। दो दिवसीय हड़ताल इन्हीं तीन मुद्दों को लेकर की गई है। 

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