राजस्थान के इस अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही आई सामने: 3 माह की गर्भवती महिला की कर दी नसबंदी
Rajasthan: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यह मामला न सिर्फ डॉक्टर्स की लापरवाही को उजाकर करता है बल्कि सिस्टम पर भी सवाल खड़ा कर रहा है।
मोहकमपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसवाड़ा
Rajasthan: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यह मामला न सिर्फ डॉक्टर्स की लापरवाही को उजाकर करता है बल्कि सिस्टम पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। हालांकि इस लापरवाही से किसी की जान नहीं गई है। जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें, एक महिला के 4 बच्चे थे। इसी बीच एक आगनबाड़ी कार्यकर्ता महिला से मिली और उसे नसबंदी कराने की सलाह दी। साथ ही बताया कि अगर नसबंदी कराती हो तो सरकार की ओर से सहायता राशि भी मिलेगी। पीड़ित महिला आगनबाड़ी कार्यकर्ता की बात मान गई और उसके साथ मोहकमपुरा सीएचसी पहुंचकर नसबंदी ऑपरेशन करा लिया। जिसका प्रमाण पत्र भी सीएचसी केंद्र से मिल गया। इसके बाद दोनों अपने घर चली गईं, लेकिन अब इस मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है।
अक्टूबर 2024 में ही ठहर गया था गर्भ
यह पूरा मामला कुशलगढ़ उपखंड के पाटन थाना क्षेत्र के मोहकमपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां चिकित्सकों ने पीड़ित महिला का बिना जांच किए ही ऑपरेशन कर दिया। जबकि उसके गर्भ में पहले से ही 3 माह का बच्चा था। इसकी जानकारी तब लगी, जब उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसने जांच कराई। जांच में निकला कि महिला गर्भवती है। इतना ही नहीं जब उसका ऑपरेशन किया गया था उस दौरान गर्भ 31 सप्ताह का हो चुका था। रिपोर्ट के अनुसार गर्भ अक्टूबर, 2024 में ही ठहर चुका था।
सीएचसी सेंटर के कर्मचारियों ने नहीं ली शिकायत
इसके बाद पीड़िता महिला निवासी आमलीपाड़ा ने पाटन थाने व पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में पीड़िता ने अपने साथ हुई आपबीती को बताया। पीड़िता के अनुसार जब इसकी जानकारी लगी तो उसने पति के साथ शिकायत लेकर मोहकमपुरा सीएचसी पहुंची लेकिन वहां के स्टाफ ने दुर्व्यहार करते हुए भगा दिया।
अब क्या होगा?
इस मामले को लेकर एमजी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि नसबंदी परिवार की सहमति से ही की जाती है। अगर गर्भ धारण होने के बाद नसबंदी की जाती है तो महिला और बच्चे पर कोई असर नहीं होता। महिला अब गर्भवती नहीं हो सकेगी। पीड़ित अगर चाहे तो नसबंदी खुलवा सकती है।