Lado Protsahan Yojana: राजस्थान में लाडो प्रोत्साहन योजना की राशि बढ़ी, सरकार ने 1.50 लाख किया, गरीब लड़कियों को मिलेगा लाभ

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को अब 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए कर दिया गया है।

Updated On 2025-06-02 12:40:00 IST
CM Bhajanlal Sharma

Lado Protsahan Yojana: राजस्थान सरकार ने राज्य की गरीब परिवारों में जन्म लेने वाली बालिकाओं के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को अब 1 लाख से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए कर दिया गया है।

इस संबंध में विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यह संशोधित योजना 1 अगस्त 2024 से पूरे राज्य में लागू होगी। इस योजना का उद्देश्य बालिका जन्म को प्रोत्साहित करना, उनकी शिक्षा को सुनिश्चित करना और समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना है।

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल
राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 12 मार्च 2025 को विधानसभा में वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान इस योजना की राशि बढ़ाने की घोषणा की थी। अब इसे औपचारिक रूप से लागू किया जा रहा है।

कैसे मिलेगी सहायता राशि?
लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत कुल 1.5 लाख रुपए की राशि सात चरणों में सीधे लाभार्थियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी।

पहली किस्त: बालिका के जन्म पर ₹2,500
दूसरी किस्त: एक वर्ष की आयु और टीकाकरण पूरा होने पर ₹2,500
तीसरी किस्त: पहली कक्षा में प्रवेश पर ₹4,000
चौथी किस्त: छठी कक्षा में प्रवेश पर ₹5,000
पांचवीं किस्त: 10वीं में प्रवेश पर ₹11,000
छठी किस्त: 12वीं में प्रवेश पर ₹25,000
सातवीं किस्त: स्नातक उत्तीर्ण करने और 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹1,00,000

पात्रता और प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जहां बालिका का जन्म किसी राजकीय या जननी सुरक्षा योजना (JSY) मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में हुआ हो। साथ ही, बालिका की मां का राजस्थान की मूल निवासी होना अनिवार्य है। गर्भावस्था के दौरान एएनसी पंजीकरण और आवश्यक दस्तावेजों का पंजीकरण पीसीटीएस पोर्टल पर किया जाना अनिवार्य है।

बालिका को जन्म के समय ही एक यूनिक पीसीटीएस आईडी दी जाएगी, जिससे उसके विकास की निगरानी की जा सके। अंतिम किश्त बालिका के खाते में तभी ट्रांसफर की जाएगी जब वह स्नातक पास कर चुकी हो और 21 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी हो।

राजश्री योजना का एकीकरण
महिला अधिकारिता विभाग के अनुसार, पूर्ववर्ती राजश्री योजना को अब लाडो प्रोत्साहन योजना में समाहित कर दिया गया है। पहले से लाभ प्राप्त कर रही बालिकाओं को अब आगे की किश्तें इसी योजना के तहत दी जाएंगी।

समीक्षा और निगरानी व्यवस्था
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी महिला अधिकारिता निदेशालय के पास रहेगी। जिला कलेक्टर हर तीन महीने में इसकी समीक्षा करेंगे और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ टास्क फोर्स योजना की निगरानी करेगी।

समाज में बदलाव की उम्मीद
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि इसके माध्यम से संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन, बालिका मृत्यु दर में कमी और बाल विवाह पर नियंत्रण जैसे सकारात्मक सामाजिक प्रभाव भी देखने को मिलेंगे।

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