राजस्थान: HSRP नहीं ली तो डीलर और वाहन मालिक दोनों पर लगेगा जुर्माना, जयपुर RTO ने शुरू की सख्ती
जयपुर RTO ने बिना HSRP नंबर प्लेट वाले नए वाहनों पर कार्रवाई शुरू की है। अब वाहन मालिक के साथ-साथ डीलर पर भी भारी जुर्माना लगेगा। जानिए नए नियम और सख्ती का पूरा अपडेट।
Rajasthan: त्योहारों के इस सीजन में यदि आप नया वाहन खरीदने जा रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि वाहन की हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) जरूर लगी हो। क्योंकि अब बिना HSRP के सड़कों पर वाहन चलाना महंगा पड़ सकता है। जयपुर आरटीओ ने ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है जो बिना नंबर प्लेट के चल रहे हैं। साथ ही, ऐसे डीलर्स पर भी कार्रवाई की जा रही है जो समय पर नंबर प्लेट जारी नहीं कर रहे हैं।
डीलर को भी देना होगा भारी जुर्माना
आरटीओ विभाग के अनुसार, वाहन मालिक के साथ-साथ डीलर को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। यदि वाहन मालिक को समय पर HSRP नहीं दी गई और वाहन बिना प्लेट के सड़कों पर दौड़ता पाया गया, तो डीलर पर वाहन के वन टाइम टैक्स (OTT) के बराबर जुर्माना लगाया जाएगा।
चार डीलरों को भेजे गए नोटिस
गुरुवार को जयपुर के परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए चार डीलरों को नोटिस जारी किए हैं। इसके अलावा कई वाहन चालकों पर भी जुर्माना लगाया गया है। आरटीओ अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि यह अभियान सड़क सुरक्षा के मद्देनजर शुरू किया गया है। बिना नंबर प्लेट के वाहन सड़क पर न सिर्फ कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि यह सुरक्षा के लिहाज से भी खतरे का कारण बनते हैं।
48 घंटे में HSRP देना अनिवार्य
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत, वाहन रजिस्ट्रेशन के बाद डीलर को 2 दिनों के भीतर HSRP उपलब्ध कराना अनिवार्य है। हालांकि, आमतौर पर कई बार डीलर गाड़ी की डिलीवरी तो दे देते हैं लेकिन नंबर प्लेट देने में देर करते हैं। कुछ मामलों में यह देरी 3 से 4 दिन तक भी हो जाती है, जो कि नियमों का उल्लंघन है।
क्यों जरूरी है HSRP?
एचएसआरपी (High Security Registration Plate) एक मानकीकृत और सिक्योर रजिस्ट्रेशन प्लेट होती है जो वाहन की पहचान और ट्रैकिंग के लिए अहम मानी जाती है। इसमें क्रोम बेस्ड होलोग्राम, पर्मानेंट आईडेंटिफिकेशन नंबर और रिवेट्स होते हैं, जिससे नंबर प्लेट से छेड़छाड़ करना मुश्किल होता है।
नियमों की अनदेखी पर अब नहीं चलेगा बहाना
वाहन मालिकों और डीलर्स को अब यह स्पष्ट रूप से समझना होगा कि बिना नंबर प्लेट के वाहन चलाना अब सीधे तौर पर कार्रवाई की श्रेणी में आएगा। न तो वाहन मालिक यह कह पाएंगे कि "डीलर ने नहीं दी", और न ही डीलर यह कह पाएंगे कि "ग्राहक जल्दी ले गया"।