विश्व पर्यटन दिवस 2025: पर्यटन और सतत परिवर्तन की साझा यात्रा में अग्रणी बना मध्यप्रदेश

विश्व पर्यटन दिवस 2025 पर मध्यप्रदेश ने ‘पर्यटन और सतत परिवर्तन’ विषय के अंतर्गत सांस्कृतिक संरक्षण, सामुदायिक विकास और पर्यावरणीय संतुलन को केंद्र में रखते हुए वैश्विक मंच पर अपने पर्यटन मॉडल को सशक्त रूप से प्रस्तुत किया है।

By :  Desk
Updated On 2025-09-27 07:00:00 IST

MP Tourism

विश्व पर्यटन दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह एक वैश्विक चिंतन का अवसर है, जो यह याद दिलाता है कि पर्यटन केवल घूमना नहीं, बल्कि संस्कृति, प्रकृति और समुदायों को जोड़ने का जीवंत माध्यम है। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) ने 'पर्यटन और सतत परिवर्तन थीम' को केंद्र में रखकर पर्यटन को सामुदायिक भागीदारी, पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक समावेश के साथ जोड़ने की प्रेरणा दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर्यटन को सामाजिक–सांस्कृतिक परिवर्तन का माध्यम मानते हैं। उनका वोकल फॉर लोकल और ट्रिपल टी—Textile, Tourism और Technology का मॉडल भारत के पर्यटन क्षेत्र को आत्मनिर्भरता, रोजगार और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की नई दिशा दे रहा है।

'देखो अपना देश अभियान' से मिला गति 

सरकार के 'देखो अपना देश अभियान' ने देशवासियों में देश की विविधता को देखने-समझने की अभिरुचि जगाकर अंतर-देशीय पर्यटन को नई दिशा दी। पीएम मोदी का यह दृष्टि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण को पर्यटन की धुरी बनाती है। ताकि, पर्यटन केवल राजस्व का स्रोत न रहकर सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्रीय एकता का मजबूत स्तंभ बने।

बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार

मुख्यमंत्री मोहन यादव मध्यप्रदेश पर्यटन को केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के माध्यम ही नहीं, बल्कि जन-आंदोलन के रूप में आकार दे रहे हैं। उन्होंने नवीन पर्यटन नीति 2025 के अनुरूप किए गए रणनीतिक निवेशों ने बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार किया है, जिससे पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। यही पहल आगे निवेश, उद्यमिता और रोजगार को प्रेरित कर रही है। 

मध्य प्रदेश सरकार ने नवीन पर्यटन नीति-2025 के बाद ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव रीवा और ग्वालियर में 10 हजार 968 करोड़ से अधिक का निजी निवेश आकर्षित किया और असंख्य नए रोजगार के अवसरों का मार्ग खोला है। 

पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को नई उड़ान दी है यह केवल यात्राओं का विस्तार नहीं, बल्कि अवसरों का विस्तार है। हम ऐसा मॉडल गढ़ रहे हैं, जिसमें विकास, सामुदायिक सहभागिता और जिम्मेदारी एक-दूसरे के पूरक हों।

मध्यप्रदेश, प्रकृति की गोद और संस्कृति की आत्मा से परिपूर्ण है। इसका 30% हिस्सा वनाच्छादित है। 12 राष्ट्रीय उद्यान, 24 वन्यजीव अभयारण्य और 9 टाइगर रिजर्व हैं। 785 बाघ हमारी वन संपदा की समृद्धि का परिचायक हैं। 

कान्हा और पेंच की हरित वादियों ने रुडयार्ड किपलिंग की ‘द जंगल बुक’ के कल्पनालोक को जीवन दिया। हमारी जीवनदायिनी नदियाँ (माँ नर्मदा और क्षिप्रा) प्रदेश की प्रकृति और संस्कृति दोनों का स्पंदन हैं। 

भेड़ाघाट की संगमरमरी घाटियों के बीच धुआँधार का गूँजता जलप्रपात और उज्जैन का सिंहस्थ कुंभ दोनों ही हमारे आध्यात्मिक-प्राकृतिक वैभव के प्रतीक हैं।

सांस्कृतिक धरोहर को मिलीं नई मान्यताएँ 

खजुराहो के मंदिर समूह, साँची के बौद्ध स्मारक और भीमबेटका के शैलाश्रय हमारी अस्मिता के शिखर हैं। 2025 में हमारी सांस्कृतिक धरोहर को नई मान्यताएँ भी मिलीं। भगोरिया आदिवासी नृत्य, गोंड चित्रकला (पाटनगढ़) और नर्मदा परिक्रमा को राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया। 

यूनेस्को टेंटेटिव लिस्ट में शामिल हुए 15 स्थल 

ग्वालियर किला, खूनी भंडारा (बुरहानपुर), चंबल घाटी रॉक आर्ट, भोजेश्वर महादेव, रामनगर के गोंड स्मारक, धामनार, मांडू, ओरछा, भेड़ाघाट–लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी सहित 15 स्थलों का यूनेस्को टेंटेटिव लिस्ट में समावेश तथा अशोक शिलालेख स्थल, चौसठ योगिनी मंदिरों की श्रृंखला, उत्तर भारत के गुप्तकालीन मंदिर और बुंदेलों के महल–दुर्ग जैसे सीरियल नामांकन हमारी समृद्धि की वैश्विक मान्यता का विस्तृत प्रमाण हैं।

राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रयास

नई दिल्ली में जनवरी 2025 के 8वें हॉस्पिटैलिटी इंडिया- टूरिज्म, ट्रैवल एंड हॉस्पिटैलिटी अवॉर्ड्स में मध्यप्रदेश को “Best State for Promoting Fairs and Festivals” तथा “Best State for Publicity” सम्मान मिला।

SATTE 2025 में “Best State Tourism Award”, VETA में “Leading Heritage Tourism Destination” और सितंबर 2025 में इंडिया ट्रैवल अवॉर्ड्स (DDP Publication) द्वारा “Best State Tourism Board” तथा द वीक मैगज़ीन के “गोल्डन बैनयन अवॉर्ड – Heritage Tourism (Best State)” ने हमारे संकल्प को और दृढ़ किया।

25 अगस्त 2025 को गोवा में हुए MADX समिट एवं अवॉर्ड्स 2025 में एमपी टूरिज्म किडज़ानिया एक्सपीरियंस सेंटर को दो MADX गोल्ड अवॉर्ड प्राप्त हुए। 

Best Experiential Marketing Campaign और Best Travel & Tourism Marketing Campaign के रूप में मिले यह सम्मान प्रमाण हैं कि हमने बच्चों और परिवारों तक पर्यटन की अवधारणा को सीख-सहित अनुभव (Learn-by-Experience) में रूपांतरित किया है। यह केंद्र नयी पीढ़ी को जिम्मेदार और प्रकृति-संवेदी पर्यटक बनने की प्रेरणा देता है।

पर्यटन का असली अर्थ है

स्थानीय लोगों का विकास और स्थानीयता का उत्थान। हमारे ग्रामीण पर्यटन मॉडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” आह्वान को धरातल पर उतारा है। केंद्र के पर्यटन मंत्रालय ने प्राणपुर, साबरवानी और लाडपुरा खास को “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम” का सम्मान दिया। प्राणपुर देश का पहला “क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज” बनकर ग्रामीण-शहरी सेतु का अभिनव नमूना है; साबरवानी “रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म” का जीवंत मॉडल बनकर जनजातीय संस्कृति का आत्मीय अनुभव कराता है। होमस्टे योजना का लक्ष्य गाँवों से शहरों की ओर पलायन को रोकते हुए परिवारों को प्रत्यक्ष आय और सम्मानजनक रोजगार से जोड़ना है। “महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल” पहल ने विशेषकर ग्रामीण और जनजातीय युवतियों को गाइड, उद्यमी और होमस्टे संचालक के रूप में सशक्त किया है।

पर्यटन और सतत परिवर्तन” का मर्म है

प्रकृति का संरक्षण, संस्कृति का सम्मान, समुदाय का सशक्तिकरण और प्रौद्योगिकी का सार्थक उपयोग। मध्यप्रदेश में यह केवल नीति नहीं; हमारे परियोजना-डिज़ाइन, कार्यान्वयन, क्षमता-निर्माण, स्थानीय सहभागिता और निरंतर मूल्यांकन की कार्यविधि में जीवंत है। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है—ऐसा पर्यटन तंत्र जो कार्बन-संवेदनशील, संसाधन-कुशल और सामाजिक-न्यायसंगत हो; जहाँ हर यात्री केवल आगंतुक न होकर हमारी सामूहिक विकास-यात्रा का सहभागी बने।

मध्यप्रदेश ने हाल ही में रीवा और ग्वालियर में आयोजित रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव्स के माध्यम से पर्यटन विकास की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए हैं। ये आयोजन न केवल संवाद का मंच बने, बल्कि पर्यटन को जमीनी स्तर पर गति देने के लिए स्थानीय समुदायों, निवेशकों, ट्रैवल एजेंसियों, नीति-निर्माताओं और विशेषज्ञों को एक साथ लेकर आए। रीवा कॉन्क्लेव ने विंध्य क्षेत्र की अपार पर्यटन संभावनाओं को उजागर करते हुए इस अंचल की सांस्कृतिक धरोहर, जैव विविधता और धार्मिक पर्यटन पर विस्तृत चर्चा की। 

ग्वालियर कॉन्क्लेव ने बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल अंचल की विशिष्टताओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया। यहाँ किले-कोटों की शान, शास्त्रीय संगीत की परंपरा, हेरिटेज होटल्स और सांस्कृतिक आयोजनों को नए निवेश और वैश्विक प्रचार-प्रसार से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया। इन कॉन्क्लेव्स ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशिष्ट पर्यटन रोडमैप तैयार करने की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया और यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक क्षेत्र की अनूठी पहचान को समग्र पर्यटन रणनीति का हिस्सा बनाया जाए।

आगामी 11 से 13 अक्टूबर 2025 को भोपाल में आयोजित होने वाला मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट राज्य के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक अवसर सिद्ध होगा। यह आयोजन प्रदेश की पर्यटन पहलों को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन बाजार में भी वैश्विक पहचान दिलाने का माध्यम बनेगा। इस मार्ट का उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर ऑपरेटरों तथा विदेशी खरीदारों को मध्यप्रदेश की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों से सीधे जोड़ना है। साथ ही यह मंच पर्यटन क्षेत्र में निवेश और साझेदारी को प्रोत्साहन देने के साथ फिल्म पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन और साहसिक पर्यटन जैसे उभरते क्षेत्रों में नए अवसरों का विस्तार करेगा। 

इस आयोजन से न केवल रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी, बल्कि प्रदेश की छवि भारत के हृदय प्रदेश के रूप में और अधिक सुदृढ़ होगी। 'मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट 2025' प्रदेश को वैश्विक पर्यटन बाजार में अग्रणी गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम होगा, जो आने वाले वर्षों के लिए पर्यटन विकास की नींव को और भी मजबूत करेगा।

मैं समस्त देश-दुनिया के मित्रों को हृदय प्रदेश, मध्यप्रदेश में आमंत्रित करता हूँ। आइए, हम सब मिलकर 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना को साकार करें। जहाँ हर यात्रा प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व, संस्कृति के प्रति आदर और समुदाय के प्रति संवेदना की कथा कहे। यही हमारा संकल्प है, यही हमारा पथ, पर्यटन और सतत परिवर्तन की साझा यात्रा में मध्यप्रदेश आपका आत्मीय सहयात्री बनेगा।

लेखक: धर्मेन्द्र सिंह भाव लोधी, पर्यटन मंत्री, मध्य प्रदेश शासन 

Tags:    

Similar News