अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकेगा 'पन्ना डायमंड': भारत सरकार से मिला GI टैग, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट

मध्य प्रदेश की हीरा नगरी पन्ना को GI टैग मिला। इससे पन्ना डायमंड की वैश्विक पहचान बढ़ेगी, स्थानीय कारीगरों, युवाओं और अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ मिलेगा।

Updated On 2025-11-15 16:10:00 IST

 'पन्ना डायमंड' को भारत सरकार से मिला GI टैग, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट।

Panna Diamond GI Tag: मध्य प्रदेश की ‘हीरा नगरी’ पन्ना के कीमती हीरों को भारत सरकार से भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication-GI) टैग मिलने से पूरे राज्य में उत्साह का माहौल है। यह उपलब्धि न सिर्फ पन्ना के हीरों की ऐतिहासिक पहचान को मजबूत करती है, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई चमक और ऊंचा मूल्य भी दिलाएगी। GI टैग मिलने के साथ ही पन्ना प्रदेश का 21वां GI उत्पाद बन गया है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘पन्ना डायमंड’ की चमक अब और अधिक बढ़ेगी। उन्होंने इसे पूरे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि यह उपलब्धि पन्ना के युवाओं, कारीगरों और स्थानीय व्यापारियों के लिए नए अवसर लेकर आएगी।

पन्ना जिला प्राचीन काल से ही अपनी हीरा संपदा के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध रहा है। राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यालय ने 14 नवंबर को GI टैग की आधिकारिक अधिसूचना जारी की, जो जिला कलेक्टर संजय मिश्रा (2020–23) के कार्यकाल में दायर आवेदन का परिणाम है। मिश्रा ने इसे पन्ना की खनिज धरोहर के संरक्षण और वैश्विक प्रचार की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम बताया।

GI टैग मिलने के बाद पन्ना के युवाओं और कारीगरों के सामने नई संभावनाएँ खुलेंगी। पारंपरिक रूप से हीरों की खुदाई, कटाई और पॉलिश करने में माहिर कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि GI टैग पन्ना के प्राकृतिक हीरों को सूरत व मुंबई के कृत्रिम हीरों से अलग पहचान दिलाएगा, जिससे निर्यात में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी संभव है।

इस प्रयास में वाराणसी के ज्वेलरी उद्योग ने भी अहम भूमिका निभाई। पन्ना के हीरों की प्रमाणिकता सिद्ध करने में वहां के एक्सपर्ट्स ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया। पर्यटन विभाग भी इस सफलता को बड़ा अवसर मान रहा है। पन्ना की ऐतिहासिक हीरा खदानों को देखने आने वाले सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे स्थानीय हस्तशिल्प और संस्कृति को नया बढ़ावा मिलेगा।

मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “पन्ना डायमंड अब विश्व मानचित्र पर नई रोशनी बिखेरेगा। यह मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को सशक्त करने का प्रतीक है।” राज्य सरकार GI उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रचार अभियान शुरू करने जा रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मेलों में पन्ना हीरों की प्रदर्शनी भी शामिल होगी।

पन्ना डायमंड को मिला यह GI टैग केवल आर्थिक वृद्धि का रास्ता नहीं खोलता, बल्कि स्थानीय परंपराओं, खनन तकनीकों और सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करने का अवसर देता है। पर्यावरण संतुलन के साथ पारंपरिक विधियों को बढ़ावा मिलेगा और पन्ना के स्थानीय समुदायों के लिए यह एक नई शुरुआत साबित होगी।

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