पीएम ई-बस योजना: इंदौर-भोपाल प्रदेश के MP के 6 स्मार्ट शहरों में चलेंगी 552 इलेक्ट्रिक बसें, सतना स्मार्ट सिटी योजना से बाहर
मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट ने मंगलवार को पीएम स्मार्ट सिटी योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत छह स्मार्ट शहरों में 552 ई-बस चलाने का निर्णय लिया गया है।
PM E-Bus Scheme in MP: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में मंगलवार को प्रदेश की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिए 10,373 करोड़ की स्वीकृति दी गई। साथ ही इंदौर-भोपाल सहित प्रदेश के छह स्मार्ट शहरों में 552 ई-बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। ई-बसों का संचालन प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस स्कीम के तहत किया जाएगा। इसके अलावा मोहन यादव कैबिनेट ने प्रदेश के कुछ शहरों में पीपीपी मोड पर हवाई सेवा शुरू करने का भी निर्णय लिया है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी 29 फरवरी 2024 को लगभग ₹ 17 हजार करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का वर्चुअली भूमिपूजन और लोकार्पण करेंगे। प्रदेश के सभी मंत्रीगण व जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र से कार्यक्रम में शामिल होंगे : उप मुख्यमंत्री श्री @rshuklabjp… pic.twitter.com/x0Qg6Rhhyd
— Jansampark MP (@JansamparkMP) February 27, 2024
अब और भी सुगम होगा यातायात
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 27, 2024
कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के आधार पर 'पीएम ई-बस योजना' अंतर्गत प्रदेश के 6 नगरीय निकायों में 552 ई-बसों के संचालन को मिली स्वीकृति। @DrMohanYadav51 #CabinetDecisionsMP pic.twitter.com/dwJPmVnS8w
कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव भी मंजूर
- मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना का विस्तार कर 800 करोड़ से 1100 करोड़ कर दिया है। योजना की अवधि 2 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष यानी 2024-25 तक किया गया है।
- 'स्टार्टअप एवं इन्क्यूबेशन" के सबंध में किए जा रहे कार्यों का समावेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत करने मध्यप्रदेश कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन की स्वीकृति दी गई है।
- प्रशासनिक इकाइयों के पुर्नगठन के लिए मप्र प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठित करने की मंजूरी दी है। इस आयोग का गठन आयोग की टर्म्स ऑफ रिफरेंस, स्वरूप, वेतन/ भत्ते, प्रशासनिक संरचना व वित्तीय प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई है।
- अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अनुदान प्राप्त निजी संस्थाओं के शिक्षकों और कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ देने की स्वीकृति दी गई है।