कौन हैं दमोदर यादव: मतगणना से पहले चुनाव आयोग को धमकी, जानें ओबीसी फ्रंट के चीफ ने क्यों कही पुतला जलाने की बात 

Damodar Yadav to Election Commission: ओबीसी फ्रंट के चीफ दामोदर सिंह यादव ने मतगणना से पहले चुनाव आयोग को चेतावनी दी है। सोमवार को भोपाल में प्रेस कान्फ्रेंस कर उन्होंने कहा, चुनाव परिणाम एक्जिट पोल्स जैसे आए तो प्रदेशभर में पुतला दहन करेंगे।

Updated On 2024-06-03 16:00:00 IST
दमोदर यादव: मतगणना से पहले चुनाव आयोग को दी चेतावनी।

Damodar Yadav to Election Commission: लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल्स को लेकर देशभर में सियासत गर्म है। विपक्षी नेता विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। मध्य प्रदेश में ओबीसी फ्रंट के चीफ और यादव महासभा के राष्ट्रीय महासचिव दामोदर सिंह यादव ने तो चुनाव आयोग और सरकार को खुली धमकी दी है। भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- एग्जिट पोल जैसा नतीजे आए तो उनके समर्थक प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे। जिला मुख्यालयों पर चुनाव आयोग और गृहमंत्री के पुतले जलाए जाएंगे।

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भोपाल और दतिया से आंदोलन की शुरुआत
दामोदर यादव ने बताया कि आंदोलन की शुरुआत 5 जून को भोपाल और दतिया से करेंगे। उन्होंने कहा, एग्जिट पोल में ऐसे आंकड़े प्रस्तुत करने का खेल 10 साल पहले शुरू हुआ है। सर्वे एजेंसियां और बड़े मीडिया हाउस सत्ताधारी दल के इशारे पर जानबूझकर ऐसे आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। ताकि, मतदाता भी मानसिक तौर पर तैयार हो जाए और चुनाव आयोग असली खेल शुरू कर सके। 

नकली जनादेश स्वीकार नहीं
दामोदर यादव ने चुनाव आयोग को भाजपा की शाखा बताया है। कहा, जनता में कितनी भी भाजपा विरोधी लहर हो, लेकिन सरकार उसी की बनती है। कांग्रेस सहित सभी अन्य विपक्षी दल हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं, लेकिन इस बार हम जनादेश नहीं लुटने देंगे। किसी भी सूरत में नकली जनादेश स्वीकार नहीं होगा। पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। 

कौन है दमोदर यादव 
दामोदर यादव कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। 2023 क विधानसभा चुनाव में दतिया जिले की सेंवढ़ा सीट से टिकट मांग रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने पूर्व विधायक घनश्याम अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया था। जिस पर दामोदर यादव आजाद समाज पाटी के टिकट पर चुनाव लड़े और 30 हज़ार वोट हासिल कर सबको चौंका दिया। भाजपा प्रत्याशी से वह महज 12 हजार वोट से पीछे थे। प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधा। कहा, 35-40 हजार वोटों से हारे नेता बड़े पदों पर बैठे हैं। जबकि, संघर्ष करने वाले नेताओं की पूछपरख नहीं होती। 

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